बसों-मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सौगात

-मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की घोषणा
-अगले छह माह में लागू करने की योजना

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
नई दिल्लीः बिजली और पानी के मामले में राहत देने के बाद अब केजरीवाल सरकार ने महिलाओं के लिए बसों और मेट्रो रेल में मुफ्त यात्रा की सौगात देने की घोषणा की है। यानी आने वाले समय में दिल्ली में मेट्रो व बसों में यात्र करने के लिए महिलाओं को टिकट नहीं लेना पड़ेगा। यदि कोई तकनीकी समस्या सामने नहीं आई तो छह माह में योजना लागू हो जाएगी। हालांकि डीटीसी में इसे अगले तीन महीने में लागू करने कली योजना है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से जल्द प्रस्ताव लाने को कहा है।
आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से पूछा है कि वह इस योजना को कैसे लागू करेगा? मुफ्त पास की व्यवस्था होगी या कोई अन्य विकल्प होगा? अनुमान है कि योजना को लागू करने पर सरकार पर प्रति वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल का यह मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
दिल्ली सरकार की मंशा इस योजना को बसों और मेट्रो में एक साथ लागू करने की है। डीटीसी व क्लस्टर स्कीम की बसों में इसे लागू करने में सरकार के सामने कोई अड़चन नहीं है। मगर मेट्रो में सुरक्षा की दृष्टि से इसे लागू कर पाना थोड़ा टेढ़ा काम है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को मेट्रो के अधिकारियों को बुलाकर इस योजना को लेकर चर्चा की।
कैलाश गहलोत ने मेट्रो के अधिकारियों से कहा है कि यह योजना हर हाल में हमें लागू करनी है। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्र पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए वह डीएमआरसी को भुगतान करेगी। बसों व मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसद महिलाएं होती हैं। इस हिसाब से जो अनुमान लगाया गया है उसके अनुसार, प्रति वर्ष करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर करीब एक हजार करोड़ का खर्च प्रति वर्ष आएगा। हालांकि, यह मात्रा एक अनुमान है। मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि बसों की अपेक्षा मेट्रो में महिलाएं अधिक यात्रा करती हैं। यदि योजना लागू होती है तो यह दिल्ली की अपनी तरह की अलग योजना होगी।
बता दें कि दिल्ली की सातों सीटों (नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के न केवल हार मिली, बल्कि पार्टी का वोट शेयर भी गिरा है। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में केजरीवाल सरकार दिल्ली की सत्ता में वापसी के प्रयास में अभी से जुट गई है।