पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, रविवार को होगा अंतिम संस्कार

-अंतिम दर्शन को निजामुद्दीन स्थित आवास पर लगा लोगों का तांता
-1998 से 2013 तक लगातार 15 साल तक रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री
-81 साल की उम्र में निधन, निगम बोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
एक साक्षात्कार के दौरान संपादक के साथ शीला दीक्षित (फाइल फोटो)

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार 20 जुलाई को निधन हो गया। वह 81 साल की थीं और लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनका एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। शनिवार को दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया।
शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनके नेतृत्व में लगातार तीन बार कांग्रेस ने दिल्ली में सरकार बनाई। वह सबसे लंबे समय 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार रविवार को दोपहर ढाई बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को उनकी बहन के घर रखा गया है, जहां कई वरिष्ठ नेताओं ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रविवार को दोपहर 11:30 बजे शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर एआईसीसी 24 अकबर रोड, नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में लोगों के अंतिम दर्शान के लिए रखा जाएगा।
पंजाब से वाया उत्तर प्रदेश, दिल्ली तक का सफरः
कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं। बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी रहींं।
शीला दीक्षित को दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है। उनके कार्यकाल में दिल्ली में विभिन्न विकास कार्य हुए। शीला दीक्षित ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में 5 साल (1984-1989) तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह प्रधानमंत्री कार्यालय में 1986 से 1989 तक संसदीय कार्यराज्यमंत्री रहीं।
हार गई थीं लोकसभा चुनावः
कांग्रेस ने साल 1998 के लोकसभा चुनावों में शीला दीक्षित को पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। तब भारतीय जनता पार्टी के लाल बिहारी तिवारी ने मात दी। बाद में शीला दीक्षित गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से 1998 और 2003 से चुनी गईं। इसके बाद 2008 में उन्होंने नई दिल्ली क्षेत्र से चुनाव लड़ा। शीला दीक्षित के एक बेटा संदीप दीक्षित और एक बेटी लतिका सैयद हैं। संदीप दीक्षित कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं।