दिल्ली अग्निकांड में 45 की मौतः बाहर से लगा था ताला

-मृतकों के परिवारों को 19 लाख की सहायता का ऐलान
-बैग बनाने की फैक्ट्री में लगी आग से हुआ हादसा
-एलएनजेपी में 34 व लेडी हार्डिंग में 9 की मौत की पुष्टि
-फैक्ट्री मालिक रिहान और पिता रहीम पुलिस हिरासत में

टीम एटूजेड/नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड पर हुए भीषण अग्निकांड में खबर लिखे जाने तक 43 बेकसूर लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 34 लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और 9 लेडी हार्डिंग अस्पताल में मृत घोषित किए गए। दमकल विभाग ने फैक्ट्री से 54 लोगों को बचाया था। जिनमें से कई लोग इलाज के दौरान मृत पाए गए। ज्यादातर लोगों की मौत धुंए की वजह से दम घुटने से हुई है। 43 लोग एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए थे।

जबकि अन्य लोगों को राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग व दूसरे अस्प्तालों में भर्ती कराया गया है। दमकल विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली थी। जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया था। बिल्डिंग में तीन सगे भाईयों रिहान, शान और इमरान की फैक्ट्रियां चल रही हैं। आग की घटना रिहान की फैक्ट्री में हुई।
दिल्ली पुलिस ने सदर बाजार थाने फैक्ट्री मालिक रिहान के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सोंपी गई है। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक रिहान और उसके पिता रहीम को हिरासत में ले लिया है। दिल्ली सरकार ने घटना की जांच मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए हैं। पूर्वी जिला के जिलाधिकारी अरूण कुमार मिश्रा घटना की जांच करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन घायलों का हाल जानने लोकनायक अस्पताल पहुंचे।

जिस बिल्डिंग में आग लगी है उसमें बाहर से ताला लगाया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगने के समय अंदर से लोग बचाओ- बचाओ चिल्ला रहे थे। फायर सेफ्टी अधिकारी के मुताबिक जिन लोगों को बचाया गया है उनमें से ज्यादातर बेहोशी की हालत में थे। कुछ जख्मी भी थे। यह फैक्ट्री 500-600 गज के फ्लोर एरिया में चलाई जा रही थी। इस चार मंजिला इमारत में कई तरह की फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। बिल्डिंग में स्कूल बैग बनाने और उनकी पैकिंग का काम होता था।
शहरी विकास मंत्री, सीएम और बीजेपी अध्यक्ष पहुंचेः
आग की घटना के बाद पीड़ितों का हालचाल लेने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे। इसके साथ ही कुछ नेताओं ने घटना स्थल का भी दौरा किया।
मृतकों को 19 लाख मुआवजाः
रानी झांसी रोड इलाके में एक फैक्ट्री में लगी आग में मारे गए लोगों को परिवारीजनों को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, बिहार सरकार और भारतीय जनता पार्टी की ओर से कुल 19-91 लाख रूपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया है। इनमें से प्रत्येक मृतक के परिजनों को केंद्र सरकार यानी प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रूपये, दिल्ली सरकार द्वारा 10 लाख रूपये, दिल्ली भाजपा की ओर से 5 लाख रूपये और बिहार के मृतकों को बिहार सरकार की ओर से 2 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
आग की घटना में मारे गए जो लोग बिहार के नहीं हैं, उनके परिजनों को कुल 17 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से 1 लाख रूपये, पीएम राहत कोष से 50 हजार रूपये और दिल्ली बीजेपी की ओर से 25 हजार रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
फैक्ट्री में बनते थे स्कूल बैगः
पीड़ितों के परिजनों के मुताबिक फैक्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर नौजवान थे। ज्यादातर की उम्र 20 से 30 साल के बीच रही होगी। सभी मजदूर फैक्ट्री में ही काम करते थे और वहीं पर उनके रहने, खाने व सोने की व्यवस्था थी। रात होने की वजह से घटना के समय ज्यादातर मजदूर सोए हुए थे और उन्हें इसकी जानकारी नहीं हुई।
बाहर से बंद था लोहे का दरवाजाः
फायर सेफ्टी अधिकारी का कहना है कि जब उनकी टम घटना स्थल पर पहुंची तो बिल्डिंग बाहर से लॉक थी, लोहे का दरवाजा था। अंदर से लोगों के बचाओ-बचाओ चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। अग्निशमन विभाग के लोग गेट तोड़कर अंदर गए और लोगों को वहां से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। जब दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर जहरीला धुआं काफी मात्रा में भरा हुआ था। इसके चलते ज्यादातर लोगों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया।
फिर उठी एनओसी की बातः
फैक्ट्री में आग की वजह से करीब 4 दर्जन लोगों की जान जाने के बाद एक बार फिर फायर एनओसी की बात उठी है। फायर सेफ्टी अधिकारी ने कहा कि बिल्डिंग की छत के ऊपर का दरवाजा भी बंद था। जिसे दमकल कर्मियों ने खोला और लोगों को बाहर निकाला गया। 55 से 60 लोगों को वहां से बाहर निकाला गया। जिस इलाके में यह फैक्ट्री चलाई जा रही थी, वह रिहायशी इलाका है। इस फैक्ट्री के लिए एनओसी भी नहीं लिया गया था। आश्चर्य की बात है कि अधिकारी अब एनओसी की बात कर रहे हैं। जबकि आस पास के इलाकों में भी इसी तरह की फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं और इनमें से किसी भी फैक्ट्री के पास फायर विभाग का एनओसी नहीं है।
हड्डी की चोट और बचाई 11 लोगों की जानः
रविवार की सुबह रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में लगी आग में 45 लोगों की जान चली गई। बहुत से लोगों को अभी इलाज चल रहा है। खास बात है कि एक फायरमैन राजेश शुक्ला ने अपनी जान पर खेलकर 11 लोगों की जान बचाई। फायरमैन ने हड्डी की चोट के बावजूद अपने काम को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने ट्विटर हैंडल से इस फायरमैन की तस्वीर पोस्ट की है। उन्होंने लिखा कि फायरमैन राजेश शुक्ला एक रियल हीरो हैं। वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे जिन्होंने 11 लोगों की जान बचाई। इस बहादुर हीरो को सलाम।