24 जनवरी को होगा चुनाव, BJP की मेयर की कुर्सी पर कब्जे की कवायद तेज… AAP का मेयर पद पर फोकस

-जोड़ तोड़ के जरिये अपनस मेयर बनाना चाहता है बीजेपी में एक गुट

जे.के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 17 जनवरी, 2023।
दिल्ली नगर निगम का सियासी खेल एक बार फिर से दिलचस्प मोड़ की ओर बढ़ने लगा है। दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेयर का चुनाव कराने के लिए एक बार फिर से 24 जनवरी को दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन की बैठक बुलाई है। इस बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव होगा। लेकिन इससे पहले शपथ लेने से छूट गये पार्षदों को शपथ दिलाई जायेगी। इसके बाद दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक गुट जोड़-तोड़ के जरिये मेयर की कुर्सी पर कब्जे की कवायद में जुट गया है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) का फोकस पूरी तरह से मेयर की कुर्सी पर हो गया है।
बीजेपी की कोशिश है कि जिस तरह से उसने नरेला, सिविल लाइंस और सेंट्रल जोन में बहुमत का जुगाड़ किया है, उसी तरह सदन में भी अप्रत्यक्ष रूप से निर्दलीय, कांग्रेस और कुछ आम आदमी पार्टी के पार्षदों का समर्थन जुटाकर मेयर के चुनाव में जीत हासिल की जा सके। हालांकि मेयर के चुनाव के लिए बीजेपी के पास प्रत्यक्ष बहुमत नहीं है। कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी के पास मेयर के चुनाव के लिए कुल 150 वोट हैं। इनमें उसके 134 पार्षद, 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद शामिल हैं।
दूसरी ओर बीजेपी के पास मेयर के चुनाव के लिए कुल 113 वोट ही हैं। इनमें बीजेपी के 105 निगम पार्षद, 7 लोकसभा सांसद और 1 विधायक शामिल हैं। यदि बीजेपी किसी भी तरह से पीछे के रास्ते से अपने 10 नोमिनेटिड पार्षदों को वोट देने का अधिकार दिलवा लेती है तब भी यह आंकड़ा 123 तक ही पहुंच पाता है। अब बीजेपी का सारा दारोमदार कांग्रेस के 9 और 2 निर्दलीय पार्षदों के ऊपर आकर टिक जाता है। लेकिन इन सभी को मिलाकर भी बीजेपी का आंकड़ा केवल 134 तक ही पहुंच पाता है। ऐसे में भी आम आदमी पार्टी का ही बहुमत बनता है।
कांग्रेस के वॉकआउट से भी नहीं बनेगी बात
पिछली बार कांग्रेस ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में वोटिंग से वॉकआउट का ऐलान किया था। मेयर चुनाव में यदि इस बार भी कांग्रेस वोटिंग से वॉकआउट करती है, तब भी बीजेपी की दाल नहीं गल सकती। कारण है कि इससे आप के 150 वोटों पर कोई अंतर नहीं पड़ता है। हालांकि कांग्रेस के वॉकआउट का फायदा बीजेपी को स्टेंडिंग कमेटी के लिए हाउस से अपने 3 सदस्यों को जिताने में मिल सकता है।
नोमिनेटिड पार्षदों को पहले शपथ दिलाने पर फिर गरमायेगा मुद्दा!
इससे पहले 6 जनवरी को भी उपराज्यपाल ने मेयर के चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई थी, लेकिन तब आप पार्षदों की ओर से हंगामे की शुरूआत किये जाने की वजह से यह चुनाव नहीं हो सका था। 24 जनवरी को होने वाली बैठक में एक बार फिर से पीठासीन अधिकारी के द्वारा पहले नोमिनेटिड पार्षदों को पहले शपथ दिलाऐ जाने की घोषणा की जा सकती है, ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या फिर से आम आदमी पार्टी पिछली बार की तरह अपना विरोध जतायेगी? क्योंकि इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते मेयर के पद के लिए मतदान नहीं हो सका था।
आप का अपना मेयर बनाने पर जोर
आम आदमी पार्टी 6 जनवरी को अपना मेयर चुनवाने में गच्चा खा गई थी, लेकिन अब आम आदमी पार्टी का लक्ष्य है कि 24 जनवरी को पहले किसी भी तरह से वह अपना मेयर चुनवा सके। कारण है कि जैसे-जैसे देर होती जा रही है, वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी के लिए परिस्थितियां बदलती जा रही हैं। यदि आप का मेयर बन जाता है तो वह जोन कमेटियों के चुनाव में और स्टेंडिंग कमेटी के लिए अपने ज्यादा से ज्यादा सदस्य चुनवाने के लिए कोशिश कर सकती है।