बीजेपी की लापरवाही से निगम के विद्यालयों के बच्चों को नहीं मिला मिड-डे मील

-निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने पिछले 15 वर्षों में केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और वे निगम में एक जवाबदेही सुशासन देने में विफल रहे हैं- विकास गोयल

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने निगम के स्कूलों के बच्चों को समय पर सूखा राशन नहीं बाटे जाने को लेकर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली सरकार द्वारा निगम को 1 सितंबर 2021 को दिए गए नोटिस पर 2 सप्ताह भीतर स्पष्टीकरण और दोषी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विकास गोयल ने कहा, निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने पिछले 15 वर्षों में केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और वे निगम में एक जवाबदेही सुशासन देने में विफल रहे हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने बताया कि मिड डे मील स्कीम के अंतर्गत उत्तरी निगम में पढ़ने वाले बच्चों को कोरोना काल में जुलाई 2020 से मई 2021 तक का सूखा राशन दिया जा रहा था। जिसके लिए दिल्ली सरकार ने निदेशक शिक्षा को तीन बार पत्र लिखकर स्टोर से गेहूं चावल उठाए जाने का अनुरोध किया। लेकिन भाजपा शासित निगम द्वारा सुखा राशन न उठाए जाने पर यह लैप्स हो गया और उत्तरी निगम के बच्चे राशन से वंचित रह गए। इस गैर जिम्मेदाराना कार्य के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निदेशक शिक्षा को 2 सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई जवाबदेही नहीं है।
विकास गोयल ने आयुक्त महोदय को लिखे गए अपने पत्र में निदेशक शिक्षा से समय पर स्पष्टीकरण दिए जाने के साथ-साथ राशन लैप्स किए जाने में सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही एमसीडी का करोड़ो का घोटाला सामने आया था। नार्थ एमसीडी ने एक बहुत शर्मसार कर देने वाली हरकत की थी। भाजपा नेताओं ने सूखे राशन में दी जाने वाली दाल के स्थान पर काला चना और वनस्पति घी के स्थान पर पामोलीन बांट दिया था। यहां तक कि बच्चों को दी जाने वाली सूखे राशन की किट के वजन में भी घोटाला किया गया था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने पिछले 15 वर्षों में केवल और केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और वे निगम में एक जवाबदेही सुशासन देने में विफल रहे हैं। भाजपा नेताओं ने अपने भ्रष्टाचार से निगम को दिवालिया कर दिया और अब आगामी चुनाव में अपनी हार को भांपते हुए निगम की सभी ज़मीनों को अपने ही लोगों को औने-पौने दामों में बेच रहे हैं या तो मुफ्त में बांट रहे हैं। दुख की बात तो यह है कि भाजपा ने मासूम बच्चों का राशन तक नहीं छोड़ा।