-संपत्ति कर के साथ दिल्ली वालों को चुकाना होगा कूड़ा उठाने का शुल्क
-घर घर से कूड़ा उठाने की योजना फेल होने के बावजूद शुरू हुई शुल्क की उगाही
-मोदी सरकार के इशारे पर थोपा गया यूजर चार्जः आम आदमी पार्टी
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 07 अप्रैल।
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने चुपके से दिल्ली वालों के ऊपर ‘यूजर चार्ज’ (User Charge) नाम से नया टैक्स थोप दिया है। आश्चर्य की बात तो यह है राजनीतिक दलों के नेताओं को भी यह चार्ज वसूले जाने की शिकायतें आने के बाद मालूम हुआ है। एमसीडी अधिकारियों की मनमानी को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की ओर से खबर लिखे जाने तक कोई इस पर कोई बयान नहीं आया है।


सोमवार को महापौर महेश खींची ने निगम आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई और एमसीडी द्वारा लगाया गया ‘यूजर चार्ज’ वापस लेने की मांग की। इसके बाद मेयर महेश कुमार, डिप्टी मेयर रविंद्र भारद्वाज और नेता सदन मुकेश गोयल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि निगम अधिकारियों ने बिना एमसीडी के सदन में पास कराये ही यूजर चार्ज को दिल्ली वालों के ऊपर थोप दिया है। खास बात है कि दिल्ली वालों को अपना संपत्ति कर जमा कराने के साथ ही यूजर चार्ज भी जमा कराना होगा। यदि कोई संपत्ति मालिक यूजर चार्ज नहीं जमा कराना चाहे तो उसका संपत्ति कर भी जमा नहीं हो सकेगा। क्योंकि एमसीडी ने अपने ऑनलाइन सिस्टम में इसी तरह की व्यवस्था की है।
मुकेश गोयल ने बताया कि 2016 में मोदी सरकार ने घर-घर से कूड़ा उठाने के नाम पर यूजर चार्ज लगाने के संबंध में कानून पास किया था और तत्कालीन उप राज्यपाल ने 2018 में इसके संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। उसी नोटिफिकेशन के आधार पर निगम अधिकारियों ने यूजर चार्ज के नाम पर मोटा टैक्स दिल्ली वालों के ऊपर थोप दिया है।
मेयर महेश कुमार ने कहा कि दिल्ली में घर घर से कूड़ा उठाने की योजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। निगम अधिकारी इसे संभाल पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कई कंपनियां एमसीडी की घर घर से कूड़ा उठाने की योजना से अपने हाथ खींच चुकी हैं। इसके बावजूद निगम अधिकारियों ने यूजर चार्ज नाम से नया टैक्स दिल्ली वालों के ऊपर थोप दिया है।
एमसीडी अधिकारियों ने इस तरह से निर्धारित की हैं यूजर चार्ज की दरेंः-
50 वर्ग मीटर तक के मकानों पर 50 रूपये प्रति माह
50 वर्ग मीटर से 100 वर्ग मीटर 100 रूपये प्रति माह
100 से 200 वर्ग मीटर पर 200 रूपये
रेहड़ी पटरी वालों को 200 रूपये प्रति माह
ढाबा-चाय की दुकान वालों को 500 रूपये प्रति माह
गैस्ट हाउस, धर्मशाला, गैस्ट हाउस वालों को 200 रूपये प्रति माह
रेस्टोरेंट व होटल वालों को कम से कम 2000 रूपये प्रति माह