-भारत को आंशिक राहत
-कम होगा तेल का दबाव
टीम एटूजैड
विदेशों से तेल की खरीदारी के मामले में भारत को राहत मिली है। अब भारत सहित कुल आठ देश ईरान से तेल की खरीदारी कर सकेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ऐलान किया कि ईरान से तेल खरीदने की पाबंदी से भारत, चीन और जापान सहित आठ देशों को फिलहाल अस्थायी रूप से राहत दी गई है। इन देशों में इटली, ग्रीस, तुर्की, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इन देशों को अस्थायी राहत दी गई है। इन देशों ने ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद तेल खरीदने में काफी कटौती की थी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान पर दबाव बनाने के लिये अमेरिका हर संभव प्रयास करता रहेगा. ईरान से तेल आयात नहीं रोकने वाले यूरोप, एशिया और अन्य देशों पर जुर्माना भी तय किया है।
पोंपियो ने दोहराया कि ईरान सरकार के बर्ताव को बदलने में ये प्रतिबंध कारगर सबित होंगे. अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित सभी देश ईरान से पूरी तरह से तेल आयात बंद करें लेकिन यदि ऐसा होता तो कच्चे तेल के बाजार में भारी उठापटक होने का खतरा बढ़ जाता। संभवतः यह विचार कर कुछ देशों को इसमें छूट दी गई है ताकि वह धीरे धीरे ईरान से तेल की खरीदारी बंद कर सकें।
भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है। इराक और सउदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है। ट्रंप ने कहा कि वह ईरान को परमाणु मुद्दे पर फिर से बातचीत की मेज पर वापस लाना चाहता है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वह साइबर हमले, बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण, पश्चिम एशिया में आतंकी समूहों का समर्थन जैसी ईरान की ’घातक’ गतिविधियों को रोकना चाहता है।
भारत और चीन, ईरान से कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्रों में अमेरिका के दंडात्मक प्रतिबंधों से अब तक ये देश बचे हुए हैं। माना जाता है कि एशिया के दोनों बड़े देश उन आठ देशों में शामिल हैं जिन्हें ईरान पर सोमवार से लागू हुए प्रतिबंधों से दुर्लभ छूट हासिल हुई है।