-पार्षद फंड में खर्च की जायेगी नगर निगम की संपत्तियां बेचकर प्राप्त होने वाली राशि
-उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने की हर पार्षद को 50 लाख का पार्षद फंड देने की घोषणा
-तेज की जायेगी 2003 तक के डेली वेजर सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में भाजपा शासित नगर निगम पर 62 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार डालने की घोषणा की गई है। हर पार्षद को पार्षद फंड के रूप में 50 लाख रूपये दिये जायेंगे ताकि वह विकास कार्यों के नाम पर अपने इलाकों में अपने नाम के कुछ पत्थर लगवा सकें। इसके साथ ही 2003 तक के डेलीवेजर सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया को भी तेज किया जायेगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब नगर निगम के चुनाव होने में महज 6 माह का समय रह गया है।
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खास बात है कि दिल्ली सरकार की ओर से करीब 400 करोड़ रूपये की राशि अग्रिम मिलने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने कर्मचारियों की जून माह तक सेलरी का भुगतान किया है। जबकि नगर निगम के कर्मचारियों को अपना एरियर लंबे समय से नहीं मिला है, जिसकी वजह से निगम कर्मियों में भारी नाराजगी है। हाल ही में स्थायी समित की बैठक में नगर निगम की कुछ संपत्तियों को बेचने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। बताया जा रहा है कि इन संपत्तियों से मिलनी वाली धनराशि को पार्षद फंड के रूप में जारी किया जायेगा।
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नगर निगम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले संपत्तियां बेचकर मिलने वाली राशि को वेतन के रूप में खर्च किया जाना था। लेकिन केजरीवाल सरकार से करीब 400 करोड़ की राशि प्राप्त होने के बाद फिलहाल वेतन का संकट टल गया है। ऐसे में दिल्ली बीजेपी नेतृत्व ने अपने निगम के नेताओं को सरकारी संपत्तियां बेचकर प्राप्त होने वाली राशि को पार्षद फंड पर खर्च करने के आदेश दिये हैं। बता दें कि पिछले दो वर्षों से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पार्षदों को पार्षद फंड के रूप में 1 रूपये की राशि भी नहीं मिल पायी है। जिसकी वजह से पार्षद अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।
कर्मियों को नहीं मिल रहा बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता-टीए-डीए
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए हाल ही में टीए-डीए बढ़ाकर दिये जाने की घोषणा की है। इसके आधार पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अपने यहां कर्मचारियों को बढ़े हुए टीए-डीए, महंगाई भत्ते देने के लिए आदेश जारी कर दिये हैं। लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्ते देने का आदेश अभी तक जारी नहीं किया है। बता दें कि उत्तरी दिल्ली निगम के कर्मचारी लंबे समय से वेतन संबंधी परेशानी भी झेलते आ रहे हैं, ऐसे में निगम पार्षदों को पार्षद फंड जारी किये जाने की घोषणा पर निगमकर्मियों में भारी नाराजगी है।
नहीं हुई डीबीसी कर्मियों को पक्का करने की घोषणा
महापौर राजा इकबाल सिंह ने गुरूवार को सदन की बैठक में घोषणा की कि 2003 तक के डेलीवेजर सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया में तेजी लायी जायेगी। लेकिन उन्होंने डीबीसी कर्मचारियों और निगम के नाला बेलदारों को पक्का करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं की। बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि डीबीसी व अन्य डेली बेजर कर्मचारियों व नाला बेलदारों को भी सफाई कर्मचारियों की तरह पक्का किया जायेगा।