RAJASTHAN की रार को रोकने में जुटा CONGRESS नेतृत्व… दिल्ली तलब किये गये पायलट और गहलोत

-कुछ महीनों में होने हैं राज्य में चुनाव
-सचिन ने हाल ही में निकाली है जनजागरण यात्रा

एसएस ब्यूरो/ जयपुरः 24 मई, 2023।
कर्नाटक में सरकार बनाने के बाद अब कांग्रेस नेतृत्व (Congress Leadership) राजस्थान (Rajasthan) में पार्टी के अंदर मचे घमासान को शांत करने में जुट गया है। पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pailot) को दिल्ली तलब किया है। पार्टी अब अपना पूरा ध्यान राजस्थान पर केंद्रित कर रही है। पिछले दिनों राजस्थान में सचिन पायलट के द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निकाली गई जनजागरण यात्रा की वजह से पाटीट आलाकमान सक्रिय है।
यह तो जगजाहिर है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच भारी खींचतान चल रही है। इस बीच कांग्रेस नेतृत्व ने 25 मई को इन दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया है। बताया जा रहा है कि दोनों को आमने-सामने बैठाकर बात की जा सकती है। इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे उपस्थित रहेंगे।
सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट को राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के साथ दिल्ली बुलाया गया है। राजस्थान में कांग्रेस इकाई में 2020 से जारी सत्ता संघर्ष को लेकर दोनों नेता पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर सकते हैं। आपको बता दें कि पायलट, जिन्हें करौली जिले का दौरा करना था। उन्होंने अपनी यात्रा को रद्द कर दिया और बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गए।
इस महीने की शुरुआत में पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाने और सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों को उठाने के लिए अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर की जनसंघर्ष यात्रा शुरू की थी।
पूर्व डिप्टी सीएम ने 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया था और दावा किया था कि अगर राज्य सरकार ने 31 मई तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की तो वह राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरु करेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव सिर्फ पांच महीने दूर हैं इसलिए कांग्रेस इस संकट को हल करने में जुटी है। दोनों नेताओं के बीच चल रहे झगड़े ने राज्य में पार्टी के ढांचे को भी काफी हद तक प्रभावित किया है। कांग्रेस इकाई एक तरह से विभाजित है। अगर कांग्रेस राजस्थान में सरकार को दोहराना चाहती है तो संकट को हल करना एकमात्र तरीका है।
पायलट के अल्टीमेटम पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि इसका जवाब देना मुख्यमंत्री गहलोत पर निर्भर करता है। गहलोत-पायलट के झगड़े के बारे में पूछे जाने पर रंधावा ने कहा कि अभी के लिए अशोक गहलोत पायलट को जवाब दे सकते हैं। क्योंकि अल्टीमेटम उन्हें दिया गया है। जहां तक पार्टी का सवाल है, जब कुछ सामने आएगा तो मैं साझा करूंगा।
इससे पहले भी पायलट की यात्रा पर एक सवाल का जवाब देते हुए रंधावा ने कहा था कि कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है और पायलट निजी स्तर पर इसका संचालन कर रहे हैं। पार्टी में सचिन पायलट के भविष्य के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में रंधावा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी किसी को निष्कासित नहीं करना चाहती खासकर जो लंबे समय से उसके साथ हैं। इससे पहले भी पार्टी ने किसी को निष्कासित नहीं किया था और जो चले गए उनकी वर्तमान स्थिति कोई भी देख सकता है।
मंगलवार को राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जोशी ने कहा कि भाजपा 7 जून को राज्य की राजधानी जयपुर में भ्रष्टाचार, सरकारी भर्ती परीक्षा के पर्चा लीक होने और बिगड़ती कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने हाल ही में जयपुर के योजना भवन के तहखाने में एक बंद अलमारी से 2.31 करोड़ रुपये नकद और एक किलोग्राम वजन के सोने की जब्ती के मुद्दे को भी उठाया।