BJP सरकार व पार्टी में टकराव… पुरानी दिल्ली के व्यापार को स्थानांतरित करने पर विवाद!

-बिना व्यापार के चांदनी चौक की कल्पना भी बेमाने हैः दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता
-थोक व्यापार के स्थानांतरण की चर्चाओं के साथ मंदा पड़ जाता है प्रॉपर्टी का धंधा

हीरेन्द्र सिंह राठोड़/ नई दिल्ली 6 मई।
राजधानी दिल्ली में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली सरकार और पार्टी संगठन के बीच टकराव शुरू हो गया है। मामला पुरानी दिल्ली के थोक बाजारो को स्थानांतरित करने के मुद्दे से जुड़ा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बाजारों के स्थानांतरण के बयान पर स्वयं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने ही खम ठोंक दिये हैं। प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि ‘‘बिना व्यापार के चांदनी चौक की कल्पना भी बेमाने है।’’ हालांकि उन्होंने इसके लिए बीजेपी के बजाय एक अन्य प्लेटफार्म का उपयोग किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली के व्यापारी नेताओं के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि ‘‘चांदनी चौक और सदर बाजार में व्यापारियों को सांस लेने के लिए भी पूरे दिन इंतजार करना पडता है। हमारे परिवार वहीं के हैं। इतनी मुश्किलों में कारोबारी व्यापार करते हैं, छोटे-छोटे ठियों पर बैठते हैं। आज की जरूरत है कि इन सभी मार्केट को नई जगह स्थापित करके बड़े परिप्रेक्ष्य में ले जायें।’’ इसके बाद पार्टी प्रवक्ता की ओर से इसके विरोध में बयान आया है।
चांदनी चौक नागरिक मंच के महासचिव प्रवीण शंकर कपूर ने अपने बयान में कहा है कि बिना व्यापार के चांदनी चौक की कल्पना भी बेमाने है। मुगलों का जमाना हो या अंग्रेजों का चाँदनी चौक के गली, कूंचे और कटरे देश विदेश से व्यापार का केंद्र रहे हैं और आज भी दिल्ली सरकार के रेवेन्यू का एक तिहाई भाग पुरानी दिल्ली के थोक बाजार देते हैं।
कपूर ने कहा है कि आजादी के बाद स्थानीय कांग्रेस सरकारें एवं डी.डी.ए. दोनों दिल्ली के व्यापारियों को व्यापार स्थल उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे और व्यापार धीरे धीरे पुरानी दिल्ली की आंतरिक गलियों तक फैल गया जिसके लिए व्यापारियों ने बहुत समस्याएं भी झेली। दिल्ली का एक तिहाई रेवेन्यू देने वाले व्यापारियों को कांग्रेस सरकारों ने केवल बदहाली दी, गलियों में खतरनाक रूप से लटकते बिजली, फोन, इंटरनेट के तार, ओवरफ्लो करते सीवर, टूटी सड़कें। आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सौन्दर्यीकरण योजना दी तो उसके बाद तो बदहाली और बढ़ गई।
बयान में आगे कहा गया है कि दिल्ली सरकार से अपील है कि वह ध्यान करे की साइकिल मार्किट को झंडेवालान, कागज मार्किट को गाजीपुर, लोहा बाजार को नारायणा तो कैमीकल मार्किट को बवाना शिफ्ट किया गया पर कोई स्थानांतरण सफल नही हुआ। पुरानी दिल्ली में दो रेलवे-स्टेशन, बस अड्डा, लोकल परिवहन व्यवस्था, बैंक, होटल और समुचित पुलिस सुरक्षा व्यवस्था है जो व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण देते हैं अतः दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम यहां उचित रखरखाव सुनिश्चित करें।
बाजारों के स्थानांतरण की चर्चा के साथ मंदा पड़ जाता है प्रॉपर्टीज का धंधा
ऐसा पहली बार नहीं है जब पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों के स्थानांतरण की चर्चा शुरू हुई हो। इससे पहले भी इस तरह की चर्चाएं कई बार जोरों पर रह चुकी हैं। परंतु जैसे ही थोक बाजारों के स्थानांतरण की चर्चाएं शुरू होती हैं पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों में प्रॉपर्टी का धंधा मंदा पड़ जाता है और अगले कई महीनों तक मंदी की स्थिति बनी रहती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है और पुरानी दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलिंग कारोबार से जुड़े लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।