MCD शाहदरा नॉर्थ जोन के जनसूचना अधिकारी को CIC की कड़ी फटकार… कहाः FAA की टिप्पणी के साथ चार सप्ताह में सूचना नहीं देने के कारण बतायें EE

-दिल्ली नगर निगम के शाहदरा नॉर्थ जोन के तहत मेंटेनेंस डिवीजन एम-III का मामला
-बलबीर नगर एक्सटेशन वर्क ऑर्डर संख्या 36 एवं 37/12.02.2022 के काम में घोटाले का आरोप
-मै. आरएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो कामों के बारे में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने छिपाई सूचना

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 15 अगस्त, 2023।
दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation) के इंजीनियरिंग विभाग (Engineering Department) के कुछ अधिकारियों की वजह से निगम (MCD) की छवि लगातार धूमिल हो रही है। कुछ अधिकारी अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इसी तरह का एक मामला शाहदरा नॉर्थ जोन (Shahdara North Zone) के तहत आने वाले मेंटेनेंस डिवीजन एम-3 (Maintenance Division M-III) से जुड़ा हुआ सामने आया है। एक आरटीआई (RTI) के मामले में सूचना नहीं देने पर केंद्रीय सूचना आयुक्त (Central Information Commissioner) ने डिवीजन M-III के जनसूचना अधिकारी/ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer) को कड़ी फटकार लगाई है। केंद्रीय सूचना आयोग ने जनसूचना अधिकारी द्वारा मांगी गई सूचना नहीं दिये जाने को गंभीरता से लिया है।
दरअसल शाहदरा नॉर्थ जोन के तहत आने वाले बलबीर नगर (Balbir Nagar) इलाके में मै. आर.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी (R.S. Construction Co.द्वारा दिनांक 12.02.2022 को जारी वर्क ऑर्डर संख्या 36 एवं 37 के तहत कराये गये काम की सूचना अप्रैल 2022 में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने निगम के मेंटेनेंस डिवीजन एम-3 से मांगी थी। इन दोनों कामों से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आर.के. सिंघल, असिस्टेंट इंजीनियर ए. के. यादव और जे.ई. राजिंदर सिंह जुड़े हुए थे, जिसकी वजह से जनसूचना अधिकारी/ तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजनियर आर.के.सिंघल ने मांगी गई सूचना के बार में भ्रमित करने वाले जवाब दिये थे। जब मामला प्रथम अपीलीय अधिकारी श्री एच.एस. सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने अपीलकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए जनसूचना अधिकारी को आदेश दिया कि वह 10 दिन में पूरी और सही सूचना उपलब्ध करायें। लेकिन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (एम-3) ने मनमानी करते हुए केवल यह जवाब दिया कि ‘‘कार्य पूरा हो चुका है और बाकी सूचना तृतीय पक्ष से संबंधित है।’’
इसके पश्चात आरटीआई एक्टिविस्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के सामने द्वितीय अपील की और जनसूचना अधिकारी के द्वारा सूचना नहीं उपलब्ध कराने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। केंद्रीय सूचना आयुक्त ने अपील की सुनवाई के दौरान जनसूचना अधिकारी/ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (एम-3) के व्यवहार को आरटीआई एक्ट-2005 के प्रावधानों के तहत नहीं पाते हुए कड़ी फटकार लगाई। केंद्रीय सूचना आयुक्त के सम्मुख अपील की सुनवाई के दौरान मेंटेनेंस डिवीजन एम-3 के जनसूचना अधिकारी की ओर से असिस्टेंट इंजीनियर मोहसिन जैदी पेश हुए।
केंद्रीय सूचना आयुक्त माननीय उदय माहूरकर ने अपने आदेश में कहा कि ‘‘आयोग सीपीआईओ को आरटीआई अधिनियम में निहित पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना के अनुसार इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर सही जानकारी एकत्र करने और अपीलकर्ता को प्रदान करने का निर्देश देता है। इसके अलावा आयोग प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के बावजूद सही जानकारी नहीं देने के प्रतिवादी के कृत्य को भी गंभीरता से लेता है। इसलिए आयोग सीपीआईओ को निर्देश देता है कि वह इस आदेश की प्राप्ति से चार सप्ताह की अवधि के भीतर, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी की टिप्पणियों के साथ, अपीलकर्ता को सूचना नहीं देने के कारणों को स्पष्ट करते हुए, आयोग को एक लिखित बयान डाक द्वारा प्रस्तुत करे और उसे आयोग के लिंक पर भी अपलोड करे।’’