-चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने बुलाई अपने पार्षदों की बैठक
-नगर निगम के कई पूर्व नेता भी बैठक में हुए शामिल
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 21 फरवरी, 2023।
दिल्ली के मेयर का चुनाव (Mayor Election) 22 फरवरी को होना है। चुनाव के लिए यह चौथी बैठक बुलाई गई है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बुधवार को होने वाली बैठक में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। वहीं इस चुनाव में बीजेपी की ओर से आप को चुनाव में तगड़ी फाइट दिये जाने की कोशिश रहेगी।
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने मेयर के चुनाव को लेकर मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में नवनिर्वाचित पार्षदों की एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में प्रदेश नेतृत्व ने अपनी रणनीति सभी पार्षदों को समझा दी है। खास बात यह रही कि पार्टी ने इस बैठक में एमसीडी के कुछ पुराने नेताओं को भी बुलाया था। इनमें सुभाष आर्य, आरती मेहरा, विजय प्रकाश पांडे, जय प्रकाश जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं।
बीजेपी का पूरा जोर अपने प्रत्याशियों मेयर पद के लिए रेखा गुप्ता और डिप्टी मेयर पद के लिए कमल बागड़ी के लिए ज्यादा से ज्यादा वोट जुटाने पर है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी पार्षदों को आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों के बीच सेंध लगाने के लिए कहा गया है। पार्टी के कुछ नेताओं का दावा है कि आप के बहुत से पार्षद अपने नेतृत्व के निर्णयों से परेशान हैं अतः यह लोग बीजेपी उम्मीदवारों को वोट कर सकते हैं।
बहुमत के आस-पास भी नहीं है बीजेपी
मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए बीजेपी के बहुमत के आसपास भी दिखाई नहीं दे रही है। बीजेपी के पास कुल 113 वोर्ट हैं। इनमें 105 (1 निर्दलीय शामिल) चुने हुए निगम पार्षद, 7 सांसद और एक विधायक शामिल हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के पास पूरे 151 (1 निर्दलीय शामिल) वोट हैं। इनमें आप के 135 निगम पार्षद, 3 राज्यसभा सांसद और 13 विधायक शामिल हैं। इस तरह से बीजेपी और आप के बीच 38 वोट का अंतर है।
इससे पूर्व 3 बैठकों में नहीं हो सका मेयर का चुनाव
बुधवार को होने वाली बैठक से पहले उपराज्यपाल ने दिल्ली नगर निगम की 3 बैठकें और बुलाई थीं। लेकिन इन बैठकों में चुनाव नहीं हो सका था। मेयर के चुनाव के लिए पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक में पार्षदों की शपथ भी नहीं हो सकी थी। दूसरी बैठक 24 जनवरी को बुलाई गई थी, इस बैठक में पार्षदों की शपथ ही हो सकी थी, चुनाव इसमें भी नहीं हो सका था। तीसर बैठक 6 फरवरी को बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक में भी हंगामा हो जाने की वजह से मेयर का चुनाव नहीं हो सका था। इसकी वजह से मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था और अब कोर्ट के आदेश पर ही चुनाव कराये जा रहे हैं।
दो महीने का ही होगा मेयर का कार्यकाल
यदि बुधवार 22 फरवरी को दिल्ली के मेयर का चुनाव हो जाता है तो चुने हुए मेयर का कार्यकाल दो महीने (मार्च) का ही होगा। हालांकि इसकी शुरूआत बुधवार से ही हो जायेगी और अप्रैल में नये मेयर के चुनाव तक का कार्यकाल माना जायेगा। कारण है कि उपराज्यापाल द्वारा शुरूआत में ही दी गई व्यवस्था के मुताबिक अप्रैल 2023 में फिर से मेयर का चुनाव कराना होगा। ऐसे में जो भी मेयर चुना जायेगा उसको केवल मार्च महीने में होने वाली दिल्ली नगर निगम की बैठक करने का अवसर प्राप्त होगा और इस बैठक में विभिन्न विषय विचारणीय हो सकते हैं। क्योंकि अप्रैल महीने की पहली बैठक में फिर से नये मेयर का चुनाव कराना होगा, ऐसे में केवल मार्च महीने में ही विभिन्न विषयों को लेकर बैठकें बलाई जा सकती हैं। व्यवस्था के अनुसार आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर हर माह दिल्ली नगर निगम के सदन की कम से कम एक बैठक बुलाना अनिवार्य हो ता है।