-स्टैंडिंग के तीसरे सदस्य पंकज लूथरा की सदस्यता पर फंसेगा पेंच
-जानें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव का पूरा गडित
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली: 27 दिसंबर, 2022।
दिल्ली नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अल्पमत में होते हुए भी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में उतरने का फैसला किया है। बीजेपी ने मेयर पद के लिए वरिष्ठ निगम पार्षद रेखा गुप्ता और डिप्टी मेयर पद के लिए युवा और पहली बार निगम पार्षद बने कमल बागड़ी को बलि का बकरा बनाया है। बीजेपी ने स्टैंडिंग कमेटी के लिए अपनी ओर से तीसरा उम्मीदवार उतार कर इस चुनाव में भी पेंच फंसा दिया है। हालांकि पार्टी नेतृत्व का यह फैसला बीजेपी के पक्ष में भी जा सकता है।
स्टैंडिंग कमेटी के लिए बीजेपी ने दूसरी बार निगम पार्षद बनी कमलजीत सहरावत और बागी बतौर चुनाव लड़कर पार्षद बने गजेंद्र दराल को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं अपने तीसरे सदस्य के रूप में बीजेपी ने पंकज लूथरा के नाम का ऐलान कर दिया है। जबकि हाउस में बीजेपी का पास तीसरे सदस्य को स्टैंडिंग कमेटी के लिए चुनवाकर लाने के लिए बहुमत नहीं है।
गौरतलब है कि हाउस से स्टैंडिंग कमेटी के लिए कुल 6 सदस्य चुने जाने हैं। निगम सचिव कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हर सदस्य को चुने जाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर करीब 37 वोट की जरूरत है। ऐसे में बीजेपी के पास 105 सदस्य हैं और वह 74 सदस्यों के जरिये अपने 2 सदस्य आसानी से चुनवा सकती है। बाकी बचे 31 सदस्यों के जरिये वह अपना तीसरा सदस्य नहीं चुनवा सकती है। ऐसे में बीजेपी के साथ कांग्रेस के सभी 9 और निर्दलीय 2 सदस्य भी मिल जाएं तब ये आंकड़ा 42 तक पहुंच पायेगा। ऐसे में बीजेपी का तीसरा सदस्य आसानी से स्टैंडिंग कमेटी में आ सकता है। हालांकि बीजेपी को कांग्रेस के पार्षदों का साथ मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (AAP) ने स्टैंडिंग कमेटी के लिए 4 सदस्यों का नामांकन कराया है। आप के पास 134 पार्षद हैं। उसके 111 सदस्यों के जरिये तीन सदस्य आसानी से चुने जा सकते हैं। लेकिन चौथा सदस्य चुने जाने के लिए आप के पास केवल 23 सदस्य ही बचतें हैं। यदि आप को काँग्रेस के 9 व निर्दलीय 2 सदस्यों का साथ मिल जाता है तो उसकी संख्या 34 तक पहुंच सकती है। फिर भी प्राथमिकता के आधार पर आप का चौथा सदस्य आ पाना मुश्किल है। दूसरी ओर आप को भी कांग्रेस के पार्षदों का साथ मिलना मुश्किल है। क्योंकि कांग्रेस के दो पार्षद आप में शामिल होने के बाद वापस कांग्रेस में जा चुके हैं।
कांग्रेस के मतदान से बाहर होने पर भारी हो सकता है BJP का पलड़ा:
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव को लेकर कुछ हद तक दारोमदार कांग्रेस पर भी निर्भर करता है। यदि कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव से बाहर रहती है तो इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। यदि बीजेपी 2 निर्दलीय पार्षदों को अपनी ओर करने में सफल रहती है तो उसका प्रथम वरीयता का आंकड़ा तीसरे सदस्य के लिए 33 तक पहुंच सकता है। ऐसे में द्वितीय वरीयता के वोटों के आधार पर बीजेपी स्टैंडिंग कमेटी में अपना तीसरा सदस्य भी चुनवाकर ला सकती है।
स्टैंडिंग कमेटी के लिए नहीं पड़ता MLA-MP का वोट:
बता दें कि मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में दिल्ली 7 लोकसभा और3 राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं। लेकिन स्टैंडिंग कमेंटी सदस्यों के लिए उनका वोट वैलिड नहीं है। स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के लिए हाउस में केवल चुने हुए निगम पार्षद ही वोट डाल सकते हैं।