BJP ने उठाई चांदनी चौक के व्यापारियों पर MCD का कहर रोकने की मांग… कनवर्जन चार्ज को लेकर जारी किये जा रहे नोटिस

-स्पेशल जोन का हिस्सा है चांदनी चौक, व्यापारियों से बैठक कर स्थिति स्पष्ट करे निगमः कपूरी
-1962 से पूर्व का संपत्ति कर का रिकॉर्ड सार्वजनिक करे दिल्ली नगर निगमः प्रवीण शंकर

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली, 16 मार्च, 2023।
राजधानी के दिल्ली (Delhi) का दिल कहे जाने चांदनी चौक (Chandni Chowk) के व्यापारियों के ऊपर दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) का नजला नोटिसों के रूप में कहर बनकर टूट रहा है। बड़ी संख्या में नोटिस जारी करके व्यापारियों को कनवर्जन चार्ज (Conversion Charge) जमा कराने का आदेश दिया जा रहा है। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर और पूर्व पार्षद सुमन कुमार गुप्ता व रवि कप्तान ने दिल्ली नगर निगम द्वारा चांदनी चौक के विभिन्न मुख्य मार्गों एवं कटरों के हजारों व्यापारियों को अविलंब कनवर्जन चार्ज जमा कराने अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई होने की चेतावनी भरे नोटिस दिये जाने की निंदा की है।
भाजपा नेताओं ने कहा है कि 1962 में दिल्ली का पहला मास्टर प्लान (Master Plan) आया था जिसके अनुसार चांदनी चौक के सभी मुख्य मार्ग और अनेक कटरे एवं कूंचे 1962 से पूर्व से कमर्शियल जोन घोषित हैं। पर आज दिल्ली नगर निगम उनको भी नोटिस जारी कर रहा है जो तर्कसंगत नहीं है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि गत चार दशक से चांदनी चौक को स्पेशल जोन का भाग माना जाता है और इसीलिए यहां कभी भी व्यापारियों पर कनवर्जन चार्ज को लेकर दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई पर अब अचानक दंडात्मक कार्रवाई के नोटिस भेजकर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
भाजपा नेताओं ने इस संदर्भ में दिल्ली नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि वह चांदनी चौक ही नहीं पूरी पुरानी दिल्ली में कनवर्जन चार्ज को लेकर व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक आयोजित करें और स्पेशल जोन प्रावधानों एवं 1962 से पूर्व के सम्पति कर रिकार्ड से व्यापारियों को मिलने वाले लाभ पर स्थिति स्पष्ट करें। व्यापारी आवश्यकतानुसार कनवर्जन चार्ज जमा कराने को तैयार हैं पर दिल्ली नगर निगम उन्हें भारी ब्याज एवं जुर्माने से मुक्ति दे।
भाजपा नेताओं ने मांग की है कि दिल्ली नगर निगम पहले 1962 से पूर्व का सम्पति कर रिकार्ड जो कनवर्जन चार्ज जमा कराने का आधार है, सार्वजनिक कर ऑनलाइन उपलब्ध कराये। क्योंकि आज व्यापारियों को वो रिकार्ड निकलवाने के लिये रिश्वत देनी पड़ती है। इसके साथ ही सभी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई को तीन माह के लिये स्थगित रखा जाना चाहिए।