बीजेपीः प्रमोशन के बजाय डिमोशन की कहानी… गिने चुनों पर फिर से मेहरबानी!

-वार्ड कमेटी चुनाव में जमकर चली बंदरबांट

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
तीनों नगर निगमों के वार्ड कमेटियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदों पर जमकर बंदरबांट चली है। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने गुरूवार 1 जुलाई 2021 को 12 में से 11 वार्ड समितियों के पदाधिकारियों की सूची जारी की थी। इसको लेकर पार्टी में नये सिरे से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि एक बार फिर उन्हीं लोगों को जिम्मेदारियां दी गई हैं, जिन्हें पिछले कुछ सालों से कोई न कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाती रही है।

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ऐसे लोगों में उत्तरी दिल्ली में रितु गोयल, नवीन त्यागी, योगेश वर्मा, रेखा सिन्हा के नाम शामिल हैं। दक्षिणी दिल्ली में ऐसे लोगों में सुभाष भड़ाना, राजपाल सिंह, और पूर्वी दिल्ली में प्रवेश शर्मा के नाम शामिल हैं। पार्टी में चर्चा है कि इन लोगों में से कई लोग तो ऐसे हैं जिनका पार्टी के लिए कोई उपयोग ही नहीं है।

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सबसे ज्यादा आश्चर्य मनीष चौधरी के नाम पर किया जा रहा है। स्थायी समिति के सदस्य के लिए उनका नामांकन कराया गया है। मनीष इससे पहले वार्ड कमेटी के चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। लेकिन वह बड़े अंतर से चुनाव हार गये थे। इसमें भी खास बात यह है कि वह अपने वार्ड से तो अन्य वार्डों के मुकाबले और ज्यादा मतों के अंतर से हारे थे। दिल्ली बीजेपी की ओर से सामूहिक नामों की जो सूची जारी की गई थी, उसमें मनीष चौधरी का नाम नहीं था। उनका नाम बाद में इस सूची में जोड़ा गया है।
‘एसएचओ’ की सीट पर बैठाये ‘डीसीपी’
दिल्ली बीजेपी ने कई लोगों को डिमोट करते हुए पूरे निगम की जिम्मेदारी के बाद एक वार्ड सिंमति की जिम्मेदारी सोंपी है। योगेश वर्मा अब तक उत्तरी दिल्ली में नेता सदन हैं, लेकिन अब उनका नामांकन केशवपुरम वार्ड कमेटी के चेयरमैन के लिए कराया गया है। प्रवेश शर्मा इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन रह चुके हैं, लेकिन अब उन्हें शाहदरा नॉर्थ के चेयरमैन के लिए नामांकित किया गया है।

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इसी तरह सुभाष भड़ाना अब तक दक्षिणी दिल्ली में उप महापौर थे, अब उनका नामांकन दक्षिणी जोन के चेयरमैन के लिए कराया गया है। रितु गोयल उप महापौर रह चुकी हैं, लेकिन अब उनका नामांकन भी रोहिणी जोन की चेयरमैन के लिए कराया गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के डिप्टी चेयरमैन रह चुके राजपाल सिंह को मध्य क्षेत्र का जोन चेयरमैन बनाया गया है। राजपाल सिंह पहले भी विवादों में रहे हैं।
गुर्जरों पर मेहरबानी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कुल चार जोन हैं। बीजेपी ने इन चार में से तीन जोन के चेयरमैन गुर्जर जाति से बनाये गए हैं। नजफगढ़ जोनका चेयरमैन सत्यपाल सिंह, सेंट्रल जोन का चेयरमैन राजपाल सिंह और दक्षिणी जोन का चेयरमैन सुभाष भड़ाना को बनाया गया है। चौथे जोन यानी पश्चिमी क्षेत्र का जोन चेयरमैन श्वेता सैनी को बनाया गया है। दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली नगर निगम में मास्टर सत्यपाल सिंह को स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन पद से हटाने के बाद अब नेता सदन की कुर्सी सोंपी गई है।
नहीं हो सकी जेपी की भरपाई
दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को एक गुर्जर नेता को पद से हटाने के लिए चार गुर्जर नताओं को नई जिम्मेदारी सोंपनी पड़ी है। इसके बावजूद जानबूझकर किये गए नुकसान की भरपाई नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर रहे जय प्रकाश जेपी को पद से हटाने की भरपाई के लिए पार्टी को ऐसा करना पड़ा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम लगातार आर्थिक दबाव में है और इसका उबरना दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है।
अलग-थलग पड़े बिजेंद्र यादव
आम आदमी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आये बिजेंद्र यादव इस बार अलग-थलग पड़ गए हैं। पिछली बार वह स्थायी समिति का उपाध्यक्ष पद हथियाने में सफल रहे थे। इससे पहले वह वार्ड कमेटी में भी पद पाने में सफल रहे थे। लेकिन इस बार उन्हें नातो जोन में और नाही नगर निगम किसी पद के लायक समझा गया है। माना जा रहा है कि उन्हें आगे गठित होने वाली समितियों में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आने वाले नेताओं में केवल एमएलए अनिल बाजपेयी को छोड़कर किसी भी नेता को पार्टी की ओर से अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। अब सवाल यह है कि क्या बिजेंद्र यादव के साथ भी ऐसा ही होगा?