बीजेपी पार्षदों का विधानसभा चुनाव से पत्ता साफ

-पार्षदों को नहीं मिलेगा विधानसभा चुनाव का टिकट
-दिल्ली बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने ली पार्षदों की बैठक
-अब विधायक नहीं बन सकेंगे बीजेपी पार्षद

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/नई दिल्ली
राजधानी में भारतीय जनता पार्टी ने विधायक बनने का सपना देखने वाले पार्षदों का सपना तोड़ दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने पार्षदों को टिकट नहीं देगी। प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को इस बात का ऐलान कर दिया। दरअसल प्रदेश भाजपा ने शुक्रवार को अपने पार्षदों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया आदि शामिल हुए। प्रदेश भाजपा कार्यालय में बलाई गई बैठक में प्रकाश जावड़ेकर ने पार्षदों से कहा कि वह अपने अपने इलाकों में घर घर जाकर लोगों से संपर्क करें। संपर्क के दौरान केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में लोगों को बताएं। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान उन्होंने कहा कि जो पार्षद विधानसभा टिकट का सपना देख रहे हैं, वह इसे छोड़कर फील्ड में उतरें और लोगों से संपर्क बनाएं।
दरअसल दिल्ली में तीनों नगर निगमों में भाजपा के ज्यादातर निगम पार्षद विधायक का चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं। निगम पार्षदों ने अपने इलाके छोड़कर बड़े नेताओं के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। भाजपा दिल्ली के तीनों निगमों में सत्ता में है। लेकिन निगम के कामकाज और निगम पार्षदों के जनसंपर्क को लेकर पहले से पार्टी में सवाल उठाए जा रहे हैं।
केजरीवाल के प्रचार का सामना करने की रणनीतिः
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में प्रचार के जरिए धूम मचा रखी है। इसके चलते दिल्ली के सियासी मैदान में भाजपा पिछड़ती जा रही है। पार्टी ने नई रणनीति के तहत सबसे पहले पार्षदों को मैदान में झोंकने की तैयारी की है। इसी के तहत किसी भी पार्षद को टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के पार्षद यदि टिकट मांगने में लग जाएंगे तो पार्टी की नीतियों को लोगों तक कौन पहुंचाएगा।
हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव के बाद आक्रामक रणनीतिः
हाल ही में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा ने आक्रामक रणनीति बनाई है। इसके तहत सबसे पहले बड़ा फैसला यही किया गया है कि विधानसभा चुनाव में किसी पार्षद को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी के पार्षदांं को कहा गया है कि वह ज्यादा से ज्यादा समय अपने क्षेत्र में दें ताकि लोगों के साथ उनका तालमेल बना रहे।
अमित शाह ने पहले ही कर दिया था स्पष्टः
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली के भाजपा पार्षदों को पहले इस बारे में कह दिया था। साल 2017 के निगम के चुनाव के बाद कांस्टीट्यूशन क्लब में बुलाई गई जीते हुए पार्षदों की बैठक में अमित शाह ने कहा था कि वह आने विधानसभा चुनाव में विधायक बनने का सपना नहीं पालें। बता दें कि 2017 के निगम चुनाव में बीजेपी ने किसी भी पुराने पार्षद को टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने इस निगम चुनाव में पूर्व पार्षद या फिर नए उम्मीवारों को टिकट दिया था।