-पश्चिम बंगाल को छोड़ दूसरे राज्यों में नहीं दिखा भारत बंद का असर
-कांग्रेस ने साधा बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस पर सियासी निशाना
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ भारत बंद के दौरान प्रदर्शन ने पश्चिम बंगाल में हिंसक रूप ले लिया। मुर्शिदाबाद के जलांगी इलाके में 29 जनवरी बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं और स्थानीय लोगों में झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। झड़प ने धीरे-धीरे बड़ी हिंसा का रूप ले लिया। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। भारत बंद का असर पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में देखने को नहीं मिला।
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी और बीजेपी को लताड़ते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोगों ने बम और बंदूक लेकर हमला किया। उनका जो नेता है वह भी खूनी है, उन्होंने नागरिकों के ऊपर हमला किया। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में टीएमसी के पास बम और बंदूक हैं। प्रशासन और पुलिस उनकी है, वो कुछ नहीं करते। टीएमसी के लोग गुंडे हैं और यह तो सबको पता है यह तो मैं कई बार बोल चुका हूं।
सड़क खुलवाने पर बिगड़ा मामला
मामला उस समय भड़क उठा जब स्थानीय लोगों ने सीएए और एनआरसी को रद्द करने की मांग करते हुए सड़कों को रोक दिया। जिला प्रशासन स्थानीय निवासियों को हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सड़क खोलने को कहा। तभी मामला बिगड़ गया। पहले आपस में झगड़ा हुआ फिर एक-दूसरे के साथ मार-पीट शुरू हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी।