-पार्टी में एक उपाध्यक्ष और एक महामंत्री पर गुटबाजी का आरोप
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का राजनीतिक कद बढ़ा है। विरोधी दलों में भी मनोज तिवारी की इस उपलब्धि पर चुप्पी साध ली है। दूसरी ओर कोर्ट का फैसला आने के बाद पार्टी में तिवारी के विरोधियों के अरमानों पर पानी फिर गया है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली भाजपा में एक महामंत्री और एक उपाध्यक्ष ने मनोज तिवारी के खिलाफ गुटबाजी को हवा दे रखी है। इस गुट में एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, एक पूर्व उपाध्यक्ष, एक दो पूर्व विधायक शामिल हैं जो पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। लेकिन कोर्ट का फैसला आने के बाद इस गुट के लोग पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से नजरें बचाते घूम रहे हैं। बता दें कि मनोज तिवारी फिलहाल अलग अलग राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार में व्यस्त हैं। इसके चलते उनके पीछे से विरोधी खेमा लामबंदी में जुटा हुआ था।
पार्टी में बढ़ी तिवारी की मांग
अलग अलग राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की मांग तेजी से बढ़ी है। पार्टी भी उनकी लोकप्रियता को भुनाने में जुटी है। उनकी जनसभाओं से ज्यादा नुक्कड़ सभाएं कराई जा रही हैं, ताकि लोग उनके साथ सीधे जुड़ सकें। अब तक मनोज तिवारी तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अलग अलग इलाकों के कई दौरे कर चुके हैं। आने वाले दिनों में उन्हें गोवा फिल्म फेस्टिवल में शामिल होना है और इसके साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और कई दूसरे राज्यों के दौरे होने हैं। इससे पहले मनोज तिवारी उत्तराखंड में हुए निकाय चुनाव में भी प्रचार में शामिल हुए थे। वह देहरादून और ऋषिकेश गए थे, दोनों ही निगमों में भाजपा के महापौर प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है।
गुटबाजी में जुटे पदाधिकारी
दिल्ली भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी का एक धड़ा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की खिलाफत में जुटा है। इस धड़े की अगुआई एक प्रदेश उपाध्यक्ष और एक महामंत्री कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस गुट में एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, एक पूर्व उपाध्यक्ष, दो पूर्व विधायक और कई दूसरे नेता शामिल हैं जो पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। खास बात है कि इस गुट के कुछ लोगों ने प्रदेश संगठन महामंत्री से बेहद नजदीकी बनाई हुई है।