SC के फैसले के बाद AAP के हौसले बुलंद… अब जोन में एल्डरमैन को वोटिंग के अधिकार को देंगे चुनौती

-आम आदमी पार्टी नोमिनेटिड पार्षदों के वोटिंग के अधिकार के खिलाफ करेगी सुप्रीम कोर्ट का रूख

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 18 फरवरी, 2023।
मेयर (Mayor) के चुनाव को लेकर आये सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के हौसले बुलंद हैं। पार्टी में अब इस बात पर विचार शुरू हो गया है कि जोन (वार्ड समितियों) के चुनाव में भी नोमिनेटिड (Elderman) पार्षदों को मिले मतदान के अधिकार को भी चुनौती दी जाये। यदि ऐसा होता है और कोर्ट इस पर संज्ञान लेते हुए वहां भी मतदान के अधिकार के मामले में टांग अड़ा देता है तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मुश्किल हो सकती है।
आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी जल्दी ही इस मामले में कोई फैसला ले सकती है। कारण है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है। लेकिन पिछले दिनों एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने जोन (वार्ड समितियों) के चुनाव में वोटि।ग का अधिकार दे दिया था। अब आम आदमी पार्टी हाई कोर्ट के उसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर ही है।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने तीन जोन में 10 नोमिनेटिड पार्षदों को मनोनीत करके अपने लिए वार्ड समितियों (Ward Committee) में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश की है। उपराज्यपाल ने सिविल लाइंस और नरेला जोन में 4-4 और सेंट्रल जोन में 2 नोमिनेटिड पार्षदों को नियुक्त किया है। जिसकी वजह से बीजेपी 12 में से 7 जोन में बहुमत में नजर आ रही है। जबकि आप के पास 12 में से महज 5 जोन हैं। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी में बीजेपी के 7 और आप के 5 सदस्य चुनकर आ सकते हैं।
स्टेंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं और इनमें से 6 सदस्यों का चुनाव हाउस की पहली बैठक में होता है। यदि हाउस की बैठक में बीजेपी और आप के 3-3 सदस्य चुनकर आते हैं तो बीजेपी के पास स्टेंडिंग कमेटी में बहुमत हो जायेगा। यदि हाउस से बीजेपी के 2 और आप के 4 सदस्य चुनकर आते हैं तो स्टेंडिंग कमेटी में दोनों के पास 9-9 सदस्य होंगे। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी का चुनाव लॉटरी के आधार पर होगा। इसी समस्या से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता एल्डरमैन पार्षदों को वोटिंग के अधिकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं।