-अनुसूचित जाति के लिए तय है इस साल मेयर की कुर्सी
-फिलहाल डिप्टी मेयर की कुर्सी संभाल रहे तीनों ही नेता
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
तीनों नगर निगम के लिए राजेश लावड़िया, कैलाश सांकला और किरण वैद्य का मेयर बनना लगभग तय है। फिलहाल तीनों ही नेता अपने-अपने निगम में डिप्टी मेयर की कुर्सी संभाल रहे हैं। दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। ऐसे में भाजपा के ही मेयर चुने जाने हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए महापौर के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। तीनों नगर निगम में मेयर पद के लिए नामांकन के लिए शुक्रवार अंतिम दिन है।
भाजपाई सूत्र बताते हैं कि उत्तरी दिल्ली के लिए राजेश लावड़िया, दक्षिणी दिल्ली के लिए कैलाश सांकला और पूर्वी दिल्ली के लिए किरण वैद्य का महापौर बनना तय है।
दरअसल पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है। पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए मेयर का चुनाव 29 अप्रैल को होना है। जबकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लिए मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को होगा। बता दें कि नियमानुसार हर साल अप्रैल माह की निगम सदन की पहली बैठक में महापौर का चुनाव किया जाता है। निगम के पांच साल के कार्यकाल के पहले
साल में मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित है। जबकि तीसरे साल यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है। मेयर के साथ ही डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के लिए भी चुनाव होना है।
कोई संघ की पृष्ठभूमि तो कोई हार चुका विधानसभा चुनाव
भाजपाई सूत्रों का कहना है कि उत्तरी दिल्ली में महापौर पद के लिए देवनगर से पार्षद राजेश लावड़िया के अलावा पूर्वी पटेल नगर से पार्षद रमेश कुमार और कश्मीरीगेट से पार्षद अवतार सिंह प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। राजेश लावड़िया जहां भाजपा संगठन से जुड़े रहे हैं तो रमेश कुमार संघ की पृष्ठभूमि से माने जाते हैं। जबकि अवतार सिंह को अकाली दल का समर्थन प्राप्त है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में मेयर पद के लिए कैलाश सांकला के अलावा पार्षद विनोद कुमार और सुनीता कांगड़ा भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। बता दें कि कैलाश सांकला पार्षद बनने से पहले दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली के महापौर के लिए किरण वैद्य प्रमुख दावेदार हैं। उनके अलावा यहां दूसरी महिला अंजू कमलकांत है और हरिप्रकाश ने भी मेयर पद के लिए दावेदारी की है। गौरतलब है कि किरण वैद्य भी पार्षद बनने से पहले भाजपा के ही टिकट पर विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं।