सांसदों, मंत्रियों, राज्यपालों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती

-एक साल तक कम लेंगे वेतन, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी फैसले को मंजूरी
-कंसोलिडेटेड फंड में जमा होगी सांसद निधि की दो साल की राशि
-कोरोना के साथ लड़ाई में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति भी कम लेंगे वेतन

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना के साथ जारी जंग में बड़ा फैसला किया है। सरकार ने फैसला किया है कि सभी सांसद, केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल आदि अगले एक साल तक अपनी सेलरी में से 30 फीसदी हिस्सा कटवाएंगे। इस राशि को अलग से कंसोलिडेटेड फंड में जमा किया जाएगा। इसके साथ ही अगले दो साल तक सांसदों की विकास निधि का पैसा भी इस कंसोलिडेटेड फंड में जमा किया जाएगा। इस पैसे को कोरोना से लड़ाई के लिए जरूरी कामों पर खर्च किया जाएगा।
मोदी सरकार ने देश में फैल रहे कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। एक ओर सरकार पीएम केयर फंड के जरिए विदेशों और उद्योग जगत से धनराशि इकट्ठा कर रही है। दूसरी ओर आम जनता से भी सरकार ने पीएम केयर फंड में सहयोग देने की अपील की है। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से पीएम केयर फंड में सहयोग राशि देने का आह्वान किया।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बड़ा फैसला किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सभी सांसदों ने अपनी 30 फीसदी सेलरी एक साल तक कंसोलिडेटेड फंड में देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी केंद्रीय मंत्री और सभी राज्यों के राज्यपालों की 30 फीसदी सेलरी एक साल तक काटकर कंसोलिडेटेड फंड में जमा की जाएगी।
मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि अगले दो साल तक सांसदां को विकास निधि यानी एमपी लैड फंड नहीं मिलेगा। इस फंड में हर साल प्रत्येक सांसद को 10 लाख रूपये की राशि दी जाती है। इसे सांसद की सिफारिश पर विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है। लेकिन अब साल 2020-21 और 2021-22 का एमपी लैड फंड केंद्र सरकार के कंसोलिडेटेड फंड में दिया जाएगा। दो साल की यह राशि 7 हजार 900 करोड़ रूपये होगी।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को आम जनता की सुविधा के लिए कुछ और राहत वाले कदम उठाने पड़ सकते हैं। हाल ही में सरकार ने 1 लाख 70 हजार रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। कोरोना के मामलों में यदि कमी नहीं आई तो आने वाले दिनों में कुछ बंदिशें जारी रखनी पड़ सकती हैं। ऐसे में सरकार को कुछ और राहत पैकेज की घोषणा करनी पड़ सकती है। ऐसे में मोदी सरकार पहले से सावधानी रखते हुए चल रही है ताकि भविष्य में कोरोना की महामारी से लड़ने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।