फर्जी डिग्रियों के सहारे 117 वकीलों ने बार काउंसिल में कराया रजिस्ट्रेशन… अकेले बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की 86 फर्जी डिग्रियां

-बार काउंसिल द्वारा कराई गई जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा
-8 फर्जी डिग्रियों के साथ दूसरे स्थान पर रहा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्याल

-बार काउंसिल ने एफआईआर के लिखी चिट्ठी, रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 31 मई, 2023।
राजधानी दिल्ली में वकीलों की फर्जी डिग्रियों (Fake Degree) का मामला बहुत बार उछलता रहा है। फर्जी डिग्री की वजह से आप नेता जितेंद्र तोमर की विधायकी मंत्री पद और विधायकी चली गई थी। अब दिल्ली में 117 वकील अपनी फर्जी डिग्रियों के सहारे दिल्ली बार काउंसिल (BAR COUNCIL OF DELHI) में रजिस्ट्रेशन करवाकर प्रक्टिस करते पाये गये हैं। स्वयं दिल्ली बार काउंसिल (DBC) द्वारा कराई गई एक जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली बार काउंसिल ने ऐसे 117 वकीलों की सूची एनरोलमेंट नंबर के साथ जारी की है।
दिल्ली बार काउंसिल ने विभिन्न वकीलों की डिग्रियों की जांच कराई गई है। काउंसिल ने इन वकीलों की डिग्रियों की जांच उन डिग्रियों को जारी करने वाले विश्वविद्यालयों से कराई थी। 17 विश्वविद्यालयों ने बार काउंसिल को सूचित किया है कि उनके नाम पर जारी की गई उक्त डिग्रियां फर्जी हैं, और उहें विश्वविद्यालयों की ओर से जारी नहीं किया गया है, या फिर डिग्रियों पर जो नाम, रोल नंबर या फिर मार्क शीट्स में दिखाये गये नंबर गलत हैं।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने सबसे ज्यादा कुल 86 डिग्रियां फर्जी बताई हैं। वहीं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय 8 फर्जी डिग्रियां बताकर दूसरे स्थान पर रहा है। अंबेडकर यूनिवर्सिटी बिहार ने 4 और मानव भारती विश्वविद्यालय व सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर ने 3-3 डिग्रियों को फर्जी बताया है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल में जमा कराई गईं 2 वकीलों की डिग्रियों को फर्जी बताया है। यह सभी डिग्रियां 1994 से 2018 के बीच की हैं।
इनके अलावा जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, एपीएस यूनिवर्सिटी रीवा, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, एफटीएम मुरादाबाद, वीबीएस यूनिवर्सिटी, बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी, उत्कल यूनिवर्सिटी, ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, काशी विद्यापीठ की एक-एक डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। खास बात यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक-एक डिग्रियां भी फर्जी बताई गई हैं। कई मामलों में तो यह भी बताया गया है कि विश्वविद्यालय में एडमिशन ही फर्जी कागजातों के आधार पर लिया गया था।
BCD ने BCI से की रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारि
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के मीडिया प्रभारी एडवोकेट राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बीसीडी ने इस मामले में कड़ा एक्शन लिया है। फर्जी डिग्री वाले वकीलों की सूची दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए भेज दी है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी ऐसे सभी वकीलों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की गई है।