-आंकड़ों के आधार पर एमसीडी में अल्पमत में आ गई आम आदमी पार्टी!
-अप्रैल महीने की पहली बैठक में होने हैं मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 21 मार्च, 2025।
भारतीय जनता पार्टी ने करीब 27 साल से चला आ रहा वनवास खत्म करते हुंए फरवरी में ही राजधानी दिल्ली में अपनी डबल इंजन सरकार बनाई है। अब अप्रैल महीने से इंद्रप्रस्थ में ट्रिपल इंजन सरकार बन जाने की स्थिति करीब पक्की हो गई है। बीजेपी अब दिल्ली विधानसभा की सत्ता पर कब्जे के बाद दिल्ली नगर निगम की सत्ता में भी अगले महीने से वापसी कर सकती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी एमसीडी में अब अल्पमत में आ गई है। ऐसे में दिल्ली का अगले मेयर और डिप्टी मेयर बीजेपी के होंगे, इसके कुछ दिनों बाद ही एमसीडी की सबसे पॉवरफुल कही जाने वाली स्टेंडिंग कमेटी का गठन भी हो सकता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो फिलहाल आम आदमी पार्टी के 113 निगम पार्षद हैं जबकि बीजेपी के पास 117 निगम पार्षदों का आंकड़ा पहुंच गया है। कांग्रेस के पास 8 पार्षद है और नगर निगम की 12 सीट खाली हो गई हैं। इनमें से ज्यादातर निगम पार्षद विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। खास बात है कि मेयर एवं डिप्टी मेयर का चुनाव निगम की 12 खाली हुई सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले होना है, ऐसे में बीजेपी का दिल्ली नगर निगम की सत्ता में वापस आना तय माना जा रहा है।
दिल्ली में मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव हर वर्ष कराये जाते हैं। इसमें चुने हुए निगम पार्षदों के साथ ही दिल्ली से चुने गये 7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद भी मतदान करते हैं। इनके साथ दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गये 70 विधायकों में से विधानसभा के 5 वर्ष के कार्यकाल के आधार पर हर वर्ष 20 फीसदी विधायकों को दिल्ली नगर निगम के लिए नामांकित किये जाने की व्यवस्था है। इस आधार पर नामांकित किये गये यह 14 विधायक भी इस चुनाव में मतदान करते हैं। बीजेपी के पास लोकसभा के 7 सांसद हैं जबकि आम आदमी पार्टी के पास राज्यसभा के 3 सांसद हैं। जिनमें से एक राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल को आप नेतृत्व ने पार्टी से बाहर कर दिया है, अतः वह मतदान के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं आंकड़ों पर नजर डालें तो संख्या के आधार पर दिल्ली नगर निगम के लिए बीजेपी के 9 और आम आदमी पार्टी के 5 विधायक नामांकित किये जा सकते हैं। जिन्हें उपराज्यपाल के द्वारा मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव से पूर्व नामांकित कर दिया जायेगा।
सभी तरह के आंकड़ों पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी के पास 113 निगम पार्षद, 3 राज्यसभा सांसद (1 पार्टी से निष्कासित) और 5 नामांकित विधायकों के आधार पर दिल्ली नगर निगम में कुल 121 वोट हैं। वहीं बीजेपी के पास 117 निगम पार्षद, 7 लोकसभा सांसद और 9 नामांकित विधायकों को मिलाकर कुल 133 वोट हो गये हैं। जो कि आप पार्टी के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं। कांग्रेस के पास कुल 8 निगम पार्षदों के वोट हैं। परंतु कांग्रेस इस बार के मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव में कोई भी प्रभाव डाल पाने में असमर्थ रहेगी। कारण है कि यदि कांग्रेस मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव से वॉक आउट करती है तो बीजेपी की जीत निश्चित है। दूसरी ओर कांग्रेस यदि आप पार्टी का समर्थन करती है, तब भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बहुमत के आंकड़े तक पहुंच पाने में समर्थ नहीं हो पायेंगे। क्योंकि यदि राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल और कांग्रेस के निगम पार्षदों वोट भी आप के साथ मिला लिये जायें, तब भी आप बहुमत के आंकड़े से 4 वोट दूर रह जायेगी।
राजा इकबाल सिंह को मिल सकती है मेयर पद की कमान
सभी परिस्थितियां सामान्य रहीं तो दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजा इकबाल सिंह को दिल्ली का अगला मेयर बनाया जा सकता है। अप्रैल महीने की एमसीडी की पहली बैठक में मेयर एवं डिप्टी मेयर का चुनाव होना है। राजा इकबाल सिंह पहले भी उत्तरी दिल्ली के मेयर रह चुके हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक दिल्ली में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी राजा इकबाल सिंह की भूमिका सराहनीय रही है। ऐसे में राजा इकबाल सिंह को एक बार फिर दिल्ली का मेयर बनाया जा सकता है। फिलहाल वह दिल्ली नगर निगम में चुनाव के बाद से ही विपक्ष के नेता का पदभार संभाल रहे हैं।