लोकसभा स्पीकर पद पर होगा एनडीए-इंडी गठबंधन में टकराव!

-डिप्टी स्पीकर पद नहीं देने पर विपक्ष ने उतारा उम्मीदवार
-एनडीए की ओर से ओम बिरला और इंडी की ओर से के. सुरेश बने स्पीकर पद के उम्मीदवार

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 25 जून।
केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनते ही पक्ष और विपक्ष के बीच बड़े टकराव की शुरूआत हो गई है। एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच सबसे पहला टकराव लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने स्पीकर पद के लिए फिर से ओम बिरला को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिये हैं।
अब बुधवार 26 जून को लोकसभा के स्पीकर पद के लिए चुनाव में मतदान होना तय माना जा रहा है। के. सुरेश केरल से कांग्रेस के सांसद हैं और आठवीं बार चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं। चुनाव की स्थिति में फिलहाल एनडीए का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। उसके पास करीब 300 सांसद हैं। परंतु इंडी गठबंधन अपनी ताकत दिखाना चाहता है। बता दें कि विपक्षी गठबंधन ने एनडीए से डिप्टी स्पीकर पद अपने लिए मांगा था, लेकिन एनडीए की ओर से इसे नकार दिया गया है।
गौरतलब है कि एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को फोन करके लोकसभा के स्पीकर के चुनाव में सहयोग मांगा था। परंतु खडगे ने कहा था कि यदि सत्ता पक्ष लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने का वादा करता है तो इंडी गठबंधन स्पीकर पद पर चुनाव के लिए सहयोग देने के लिए तैयार है। इसके बाद राजनाथ सिंह ने दोबारा कॉल बैक करने की बात कही थी। परंतु फिर सत्ता पक्ष ने विपक्षी नेताओं के साथ संपर्क नहीं साधा है।
भारतीय लोकतंत्र के 72 वर्षों के इतिहास में ऐसा तीसरी बार हो रहा है, जब लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा। यह स्थिति बनने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि ‘‘हमारा कहना था कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दे दें। ऐसी परंपरा रही है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।’’ दूसरी ओर बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर कहा कि ‘‘विपक्ष की ओर से शर्त के आधार पर समर्थन की बात कही जा रही है। ऐसा लोकसभा की परंपरा में कभी नहीं हुआ। लोकसभा स्पीकर या डिप्टी स्पीकर किसी दल का नहीं होता है बल्कि वह पूरे सदन का होता है।’’ यही कारण है कि सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष को अपनी ताकत का अहसास कराने का फैसला लिया है और स्पीकर पद पर चुनाव के लिए तैयार है।
एनडीए को है 300 सांसदों का समर्थन
लोकसभा के नंबर गेम में एनडीए का पलड़ा बहुत ज्यादा भारी है। अकेले बीजेपी के पास अपने 240 सांसद हैं। इसके साथ ही टीडीपी के 16, जेडीयू के 12, शिवसेना एकनाथ शिंदे के 7, चिराग पासवान की एलजेपी के 5 सांसदों के साथ ही यह आंकड़ा करीब 290 के आसपास पहुंच जाता है। अकाली दल सहित कई छोटे दलों और निर्दलीय सांसदों का साथ भी बीजेपी को मिलता नजर आ रहा है। ऐसे में यह आंकड़ 300 के आसपास पहुंच गया है। दूसरी ओर इंडी गठबंधन बहुमत के आंकड़े से काफी दूर खड़ा है।
दोबारा स्पीकर बनने वाले तीसरे नेता होंगे ओम बिरला
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ओम बिरला ऐसे तीसरे व्यक्ति होंगे जो दोबारा यानी कि दूसरे कार्यकाल में भी लोकसभा स्पीकर बनेंगे। उनसे पहले बलराम जाखड़ 9 वर्षां तक स्पीकर रहे हैं। उनसे पहले 1970 से 1975 के बीच गुरदयाल सिंह ढिल्लां लगातार 6 वर्षों तक लोकसभा स्पीकर रहे थे। हालांकि अभी तक कोई भी नेता पूरे 10 वर्ष तक लोकसभा का स्पीकर नहीं रहा है। यदि ओम बिरला अगले पूरे पांच वर्ष तक स्पीकर रहते हैं तो यह उनके नाम एक और रिकॉर्ड रहेगा। बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2014 से 2019 तक सुमित्रा महाजन लाकसभा की स्पीकर रही थीं। उनके बाद 2019 में ओम बिरला को स्पीकर बनाया गया था। अब एक बार फिर उन्हें मोदी सरकार में 2024 में स्पीकर बनने का मौका मिल रहा है।