BIG BREAKING: विश्व कुश्ती महासंघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ को किया निलंबित…

-खेल मंत्रालय और आईओए की तदर्थ कमेटी विवाद को संभालने में रही नाकामयाब

विजय कुमार/ नई दिल्लीः 24 अगस्त, 2023।
भारत सरकार (Government of India) के खेल मंत्रालय (Sports Ministry) और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की बड़ी नाकामयाबी सामने आई है। विश्व कुश्ती महासंघ (UWW) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को निलंबित कर दिया है। इस निलंबन तक भारतीय पहलवान किसी भी प्रतियोगिता में भारत की ओर से नहीं खेल पाएंगे। इसका पहला असर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दिखेगा जहां भारतीय पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से नहीं खेल सकेंगे।
बता दें कि विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 16 सितंबर, 2023 से सर्बिया के बेलग्रेड में श्ुरू होगी, जहां भारतीय पहलवान तटस्थ खिलाड़ी के रूप में हिस्सा लेंगे। यह चैंपियनशिप अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग प्रतियोगिता भी है। बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों द्वारा शोषण के आरोप लगाए थे। इस विवाद के चलते फेडरेशन के तो चुनाव टाले ही गए, बल्कि एक के बाद एक विवाद खडा होता चला गया। इसमें भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव भी शामिल हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ में उठे विवादों के उपरांत भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कुश्ती का कामकाज देखने के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ समिति की नियुक्ति कर दी थी। वहीं भूपेंद्र सिंह बाजवा की अगुवाई वाली तदर्थ समिति को 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने की समय सीमा दी गई थी, फिर भी अगर-मगर के चलते ऐसा हो नहीं सका। हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पहले सात मई को होने थे, लेकिन खेल मंत्रालय ने पहलवानों के विरोध के कारण इस प्रक्रिया को अमान्य करार दिया था।
वहीं दूसरी ओर कई असंतुष्ट और असंबद्ध राज्य इकाइयां मतदान में भाग लेने का अधिकार हासिल करने के लिए अदालत की शरण में गईं जिसके कारण चुनाव टलते चल गए, अंत में उसको स्थगित करना पडा। इस बीच आईओए की तदर्थ समिति ने 12 अगस्त को मतदान कराने का फैसला किया था, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) की याचिका पर चुनाव को 28 अगस्त तक के लिए टाल दिया।

28 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
उक्त विवादों के बीच यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने 28 अप्रैल को चेताया था कि अगर समय पर चुनाव नहीं कराए गये तो डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया जा सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने बुधवार की रात को तदर्थ समिति को सूचित किया कि कार्यकारिणी के चुनाव नहीं होने के चलते डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया है। खेल विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ गिने-चुने पहलवानों के अपने हितों के लिए किये गये राजनीतिक विरोध और उसके बाद बनी परिस्थितियों की वजह से अब कई पहलवानों के सपने सच होने से पहले ही खत्म हो जायेंगे।