-दिल्ली पुलिस ने तैयार की मरकज के मौलाना साद की क्राइम कुंडली
-तीन बेटों और रिश्तेदारों के जरिए खड़ा किया दो हजार करोड़ का साम्राज्य
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
‘महामारी के मरकज’ की पहचान बना चुके निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मौलाना साद के बारे में जैसे जैसे दिल्ली पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए और चोंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मौलाना की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच ने साद की क्राइम कुंडली तैयार कर ली है। इसके मुताबिक साद ने जमात पर कब्जा कर दो हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार को मौलाना की तलाश में मेवात के कई इलाकों में दविश दी। क्राइम ब्रांच द्वारा तैयार किए गए डोजियर के मुताबिक साद के पास तीन मकान और एक आलीशान फार्म हाउस हैं। इनके अलावा कुछ बेनामी संपत्ति की बातें भी सामने आ रही हैं। मौलाना के तीनों बेटों यूसुफ, सईद और इलियास के पास अलग संपत्तियां हैं। दूसरों को खुदा का रास्ता दिखाने वाले मौलाना के बेटे बीएमडब्लू गाड़ियों में चलते हैं।
क्राइम ब्रांच को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में मौलाना का एक मकान निजामुद्दीन में मरकज के पास और दूसरा मकान जाकिर नगर में है। दोनों ही मकान बड़े और आलीशान बताए जा रहे हैं। इनके अलावा मौलाना का एक मकान शामली में है जो कि करीब 500 गज जमीन पर बना हुआ है। इस मकान के साथ ही करीब 5 बीघा जमीन पर मौलाना का अमरूद और आम का बाग है। कांधला के मूल निवासी साद का शामली में ही आलीशान फार्महाउस है, जहां स्वीमिंग पूल से लेकर दूसरे सुविधाएं मौजूद हैं।
नई दिल्लीः मौलाना साद (डंनसंदं ेंक) का क्वारंटीन पीरियड खत्म हो गया है. उसकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस (क्मसीप च्वसपबम) ने उसको सरकारी अस्पताल में जाकर टेस्ट कराकर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है. दिल्ली पुलिस मौलाना साद को 160 सीआरपीसी का नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहती है. इसी बीच, दिल्ली पुलिस ने कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोपी मौलाना साद का डोजियर जारी किया है जिसमें उसके क्राइम की कुंडली कैद है.
क्राइम ब्रांच द्वारा तैयार किए गए डोजियर में मौलाना साद की रूटीन दिनचर्या से लेकर उसके खास लोगों सहित मरकज के 2 शीर्ष आरोपियों तक के नाम शामिल किए गए हैं। एक आला अधिकारी के मुताबिक इसमें वह नाम शामिल किए गए हैं जो परिवार, रिश्तेदार और उसके बेटों में मौलाना के सबसे खास और करीबी हैं। डोजियर के मुताबिक मौलाना रोजाना प्राः 8 बजे मरकज पहुंच जाता है। वहां वह दोपहर 2 से ढाई बजे तक रहता है। इसके बाद 2 घंटे के लिए साद अपने घर आता है और 4 बजे फिर वापस मरकज पहुंच जाता है। जहां वो रात 10 बजे तक रूकता है।
डोजियर के अनुसार मौलाना के उत्तराधिकारियों में मरकज बस्ती, निजामुद्दीन निवासी उसका बड़ा बेटा मोहम्मद यूसुफ, मुझला बेटा मोहम्मद सईद और छोटा बेटा मोहम्मद इलियास हैं। इनमें से तबलीगी जमात के बैंक खातों को साद के बेटे यूसुफ और इलियास संभालते हैं। वहीं मौलाना का भांजा ओवैस जमात की फंडिग के काम को प्रमुख रूप से संभालता है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि विदेशी फंडिंग के जरिए ही मौलाना साद ने दो हजार करोड़ की निजी संपत्तियों का साम्राज्य खड़ा किया है।
मौलाना के शामली के कांधला में स्थित फार्म हाउस पर क्राइम ब्रांच की छापेमारी के पीछे इन्हीं निजी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों की तलाश थी। डाजियर में साद के सबसे करीबी रिश्तेदार अब्दुल रहमान का भी जिक्र है। मौलाना अब्दुल रहमान जाकिर नगर वेस्ट में अबू बकर मस्जिद के पास स्थित छह मंजिला इमारत में रहता है। पहले क्राइम ब्रांच को इसी रिश्तेदार के यहां मौलाना साद के छिपे होने का शक था।
क्राइम ब्रांच के डोजियर के मुताबिक मरकज से मौलाना की निजी कमाई में और भी दो लोग उसके अहम सहयोगी हैं। यही दो लोग उसकी गैरमौजूदगी में मरकज में होने वाली हर हरकत पर नजर रखते थे। इनमें पहला नाम हाजी मोहम्मद युनुस का है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में रहने वाला यूनुस का पद तो दरवाजों के केयर टैकर और सिक्योरिटी और ट्रोपोर्टेंशन हेड का है। लेकिन उसका काम मौलाना के मरकज में मौजूद नहीं होने पर बाहर से आने वाले लोगों और मरकज के कर्मचारियों पर गिगरानी रखने की है।
साद के प्रमुख सहयोगियों में दूसरा नाम मौलाना मुफ्ती शहजाद का है। शहजाद फिलहाल क्वारंटाइन है और मौलाना के साथ इसका नाम भी एफआईआर में शामिल है। मुफ्ती शहजाद दिल्ली के जाकिर नगर का ही रहने वाला है। इसका काम मरकज में प्रशासनिक कमेटी के सदस्यों और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना है। मौलाना साद ने मरकज पर कब्जा करने और अमीर बनने के लिए खून तक बहाया है। इसलिए वह नहीं चाहता कि अब कोई दूसरा व्यक्ति मरकज पर कब्जा कर पाए।
11 बैंक अकाउंट और 11 मोबाइल राडार पर
मौलाना साद के 11 रिश्तेदारों और करीबी, उन सभी के मोबाइल नंबर क्राइम ब्रांच के राडार पर हैं। संदेह है कि मौलाना साद इनमें से किसी के संपर्क में हो सकता है। इसके अलावा परिवार और मरकज से जुड़े करीब 11 बैंक अकाउंट भी क्राइम ब्रांच के निशाने पर हैं। बताया जा रहा है कि इन बैंक खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। सभी मोबाइल नंबर्स की सीडीआर और बैंक खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल्स निकलवाई गई हैं।
1995 में की थी मौलाना ने पहली बगावत
मौलाना साद ने जबलीगी जमात में सबसे पहली बगावत 1995 में की थी। तब उसने रिश्ते में अपने बड़े भाई लगने वाले जुबैर को उसके पिता की मौत के बाद मरकज का अमीर बनने से रोक दिया था। उस समय मरकज को चलाने के लिए कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में जुबैर, मौलाना साद और कई दूसरे लोग शामिल थे। लेकिन 2014 में जुबैर की मौत हो गई थी। इसके बाद मौलाना साद ने अपने आप को अमीर घोषित कर दिया था।
मेबात से लोगों को बुलाकर बहाया खून
निजामुद्दीन स्थित मरकज का अमीर बनने के लिए मौलाना साद ने लोगों का खून तक बहाया है। मरकज पर कब्जे की इस हरकत पर जुबैर के समर्थक पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई थी। तब साद ने 4 जून 2016 को मरकज में मेवात से बुलाए हुए लोगों से दूसरे पक्ष के लोगों को बुरी तरह पिटवा दिया था। इस घटना में कई लोगों को गंभीर चोट आई थीं। इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस तक पहुंची थी। लेकिन मौलाना साद ने दिल्ली पुलिस को उस समय मरकज में घुसने नहीं दिया था।
मिलने को घंटों इंतजार करते थे डीसीपी
कोरोना प्रकरण का मारा मौलाना साद अब भले ही दिल्ली पुलिस से छिपता फिर रहा हो। लेकिन इससे पहले उसका बहुत रसूख रहा है। इससे पहले जिले के डीसीपी भी उससे मिलने के लिए घंटों इंतजार करते थे। यह बात अलग है कि अब मौलाना साद खुद अपने ही बुने हुए जाल में फंसता जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्दी ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मौलाना को धर दबोचेगी।