-डेढ़ साल में एक दर्जन से ज्यादा आप पार्षदों ने की पार्टी नेतृत्व के साथ बगावत
-आप नेतृत्व के खिलाफ पार्षदों में बढ़ रही लगातार नाराजगी, अभी और भी पाला बदलने को तैयार
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 05 सितंबर।
आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्थिति बदली बदली दिखाई दे सकती है। आम आदमी पार्टी (AAP) के हाथ से निगम की सत्ता निकल सकती है। कारण है कि बीजेपी (BJP) आहिस्ता आहिस्ता निगम में बहुमत की ओर बढ़ रही है। मेयर के चुनाव (Mayor Election) के लिहाज से बीजेपी निगम में महज दर्जन भर वोटों से ही पीछे है। जबकि करीब दो वर्ष हुए चुनाव के समय बीजेपी और आप के बीच करीब 38 वोट का फासला था। यह स्थिति आप के करीब एक दर्जन से ज्यादा पार्षदों के पाला बदलने की वजह से हुई है।
गौरतलब है कि चुनाव के समय आप के 135, बीजेपी के 105 और कांग्रेस के 9 पार्षद जीतकर आये थे। मेयर के चुनाव के गणित की बात करें तो आप के 13 एमएलए और 3 राज्यसभा सांसदों को मिलाकर 151 वोट बैठते हैं। इसी तरह बीजेपी के पास 105 पार्षद, 7 लोकसभा सांसद और एक एमएलए को मिलाकर कुल 113 वोट बनते हैं। परंतु पिछले कुछ महीनों में चले ‘ऑपरेशन लोटस’ के बाद एक दर्जन से ज्यादा पार्षदों और एक राज्यसभा सांसद ने आप नेतृत्व के साथ बगावत की है। आप के 7 पार्षदों ने सीधे तौर पर बीजेपी का दामन थाम लिया था। जबकि आप के ही 6 पार्षदों ने जोन चुनाव के दौरान बुधवार को पार्टी के साथ बगावत करते हुए तीन जोन में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की।
बुधवार को हुए जोन (वार्ड समितियों) के चुनाव के गणित पर गौर करें तो बीजेपी के पास 112 पार्षद साथ ही आप के 6 अन्य बागी पार्षद, जिन्होंने बुधवार 4 सितंबर को बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की (कुल 118) 1 एमएलए और 7 लोकसभा एवं 1 राज्यसभा सांसद को मिलाकर यह आंकड़ा कुल 127 वोट तक पहुंच जाता है। जबकि आप के 13 पार्षद और 1 राज्यसभा सांसद घटा दें तो आपके पास केवल 137 वोट रह जाते हैं। ऐसे में सदन में होने वाले मेयर, डिप्टी मेयर अथवा स्टेंडिंग कमेटी के एक सदस्य के चुनाव में बीजपी बहुमत के मामले में आप से महज 11 वोट से पीछे है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बीजेपी का ‘ऑपरेशन लोटस’ लगातार जारी है। ऐसे में 25 अगस्त की तरह एक बार फिर से कुछ आप पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया तो आप पार्टी के लिए दिल्ली नगर निगम की सत्ता में काबिज रह पाना बहुत मुश्किल हो जायेगा।
BJP को हो सकते हैं दो फायदे
आप पार्षदों की नाराजगी को भुनाने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ जारी रहा तो बीजेपी को दो फायदे हो सकते हैं। पहला यह कि बीजेपी को निगम की सबसे शक्तिशाली स्टेंडिंग कमेटी की कमान मिल जायेगी। दूसरा यह कि सभी परिस्थितियां सामान्य रहीं तो फरवरी माह में विधानसभा चुनाव हो जायेंगे। नतीजे कुछ भी रहें पर मार्च-अप्रैल में बीजपी नगर निगम की सत्ता में वापसी कर लेगी। हालांकि यह इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है, इसलिए किस पार्षद का लालच कितना बढ़ जाये या फिर कौनसी पार्टी किस पार्षद को बड़ा लालच देदे, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसके पश्चात तो किसी भी पार्षद का तथाकथ्ज्ञित रूप से ‘रामचंद्र’ की तरह हृदय परिवर्तन हो सकता है।
AAP पार्षदों में बढ़ती जा रही नाराजगी
आप पार्षदों के मन में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी तेजी से बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण आप नेतृत्व के द्वारा पार्षदों को निगम में जिम्मेदारियां नहीं दिया जाना है। पार्षदों का करीब दो वर्ष का कार्यकाल खत्म होने को है और अभी तक केवल 3 पार्षदों – मेयर, डिप्टी मेयर और नेता सदन की जिम्मेदारी दी है। बुधवार को आप के 10 पार्षदों को जोन चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन की जिम्मेदारी मिल गई है। जबकि नगर निगम की कमेटियों के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन के पद पिछले करीब दो वर्षों से खाली पड़े हैं। आप नेतृत्व चाहता तो अब तक करीब 50 निगम पार्षदों को निगम की कमेटियों के विभन्न पदों पर बैठा सकता था। इसके साथ ही बदल बदल कर 100 पार्षदों को कमेटिया का सदस्य बना चुका होता। उन कमेटियों की बैठकें होतीं और आप पार्षद इन कामों में व्यस्त रहते। निगम की सत्ता में रहते हुए भी आप नेतृत्व ने अपने पार्षदों को सत्ता के सारे कामों से अब तक दूर रखा है।
जोन चुनाव में AAP के 6 पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग
बुधवार को हुए जोन कमेटियों के चुनाव में जकर क्रॉस वोटिंग हुई। एक ओर बीजेपी जहां अपने निगम पार्षदों को बांधे रखने में कामयाब रही, वहीं तीन जोन में आप के 6़ निगम पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। साउथ जोन में अच्छा बहुमत होने के बावजूद आप हार के कगार पर पहुंच गई। इस जोन में आप के 15 निगम पार्षद हैं जबकि बीजेपी के 7 पार्षद हैं। यहां 1 पार्षद कांग्रेस का है। परंतु जब जोन चेयरमैन के लिए मतदान हुआ तो बीजेपी और आप के उम्मीदवारों को 11-11 वोट मिले। यानी सीधे तौर पर आप के 4 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की। हालांकि किस्मत से लॉटरी के जरिये हुए चुनाव में आप के पार्षद को जोन चेयरमैन चुन लिया गया। इसी तरह नरेला जोन और शाहदरा नॉर्थ जोन में भी आप के एक-एक पार्षद ने बीजेपी उम्मीदवारों को वोट दिया।