हिमाचल में आज से होंगे मंदिरों में दर्शन… आज से खुले छोटी काशी में मंदिर

-कर सकेंगे शक्तिपीठ ब्रजेश्वरी, ज्वाला देवी, चामुंडा और नयना देवी के दर्शन
-करा सकेंगे मुंडन… भजन, कीर्तन, भंडारे और कन्या पूजन पर रहेगी पाबंदी

आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ शिमला-मंडी
माता ब्रजेश्वरी, ज्वालामुखी, चामुंडा और नयना देवी के भक्तों के लिए अच्छी खबर है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थित सभी शक्तिपीठों सहित मंदिरों को आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया है। लेकिन दर्शनों के लिए लोगों को कोविड-19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। हिमाचल प्रदेश में करीब तीन माह बाद वीरवार 1 जुलाई से श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के द्वार खोल दिये गए हैं। नयना देवी को छोड़कर सभी शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं को सूखा प्रसाद चढ़ाने की छूट रहेगी।

धार्मिक स्थलों में हवन, यज्ञ, कन्या पूजन, कीर्तन, लंगर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं को मंदिरों में बैठने, ज्यादा देर खड़े रहने की मनाही होगी। पुजारी न प्रसाद बांटेंगे और न किसी को मौली बांधेंगे। सरकार के इस फैसले से श्रद्धालु अब तसल्ली से मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे। भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से 22 जून को जारी आदेशों के तहत ही यह व्यवस्था होगी। हालांकि इन आदेशों को संबंधित जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति व जरूरत के हिसाब से संशोधित कर सकेंगे।

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एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बताया कि पहली जुलाई से मंदिर खुलने के दौरान पहले जैसे व्यवस्था शुरू हो गई है। श्रद्धालु गर्भ गृह में जा सकेंगे। प्रसाद भी ले जा सकेंगे, लेकिन अभी भजन कीर्तन व लंगर का आयोजन नहीं होगा। मंदिर परिसर में श्रद्धालु मुंडन करवा सकेंगे, लेकिन इसमें कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखना होगा।
चिंतपूर्णी में श्रद्धालु प्रसाद चढ़ा सकेंगे, मुंडन संस्कार पर भी रोक नहीं है। चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट सुबह सात से शाम को आठ बजे तक खुले रहेंगे। चिंतपूर्णी मंदिर में हवन यज्ञ और लंगर लगाने पर पाबंदी रहेगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रसाद चढ़ाने एवं बच्चों के मुंडन संस्कार पर रोक नहीं लगाई गई है। श्रद्धालुओं की चिंतपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर स्क्रीनिंग की जाएगी। गर्भ गृह में केवल पुजारियों को जाने की अनुमति होगी। वहीं, बुजुर्ग एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं को लिफ्ट से दर्शन करने के लिए भेजा जाएगा। मंदिर में 42 सुरक्षा कर्मी अलग-अलग जगह तैनात किए जाएंगे। ऊना के उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि एक जुलाई से चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के खोल दिए गए हैं।

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विश्वविख्यात शक्तिपीठ नयना देवी मंदिर के कपाट 69 दिन बाद एक जुलाई से खुल गए हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को एसओपी का पालन करना होगा। पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान भी तैयार कर लिया है। वहीं मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है। नयनादेवी मंदिर के कपाट पहले की तरह खुल गए हैं। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न आए इसके लिए ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। डीएसपी नयनादेवी अभिमन्यु ने बताया कि ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। बस अड्डा से घवांडल चौक होते हुए श्रद्धालु गाड़ी में मंदिर गुफा तक आ सकते हैं।
लेकिन उन्हें वापसी में सर्कुलर रोड से वापस जाना पड़ेगा। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु वन-वे ट्रैफिक की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा। उल्लंघन करने वालों के चालान काटे जाएंगे। डीएसपी ने कहा कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए श्री नयनादेवी जी मंदिर में पुलिस होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए माता के दर्शन करें। एसडीएम स्वारघाट सुभाष गौतम ने कहा कि मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा।

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दूसरी ओर मंडी में गुरूवार 1 जुलाई से छोटी काशी के मंदिरों के कपाट एसओपी के तहत खोल दिये गए हैं। मंदिर में प्रसाद नहीं मिलेगा। भक्तों को दर्शन करके सीधे बाहर जाना होगा। बिना मास्क या सही तरीके से मास्क न पहनने वाले को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर के बाहर भक्तों के हाथों को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा। सभी मंदिरों को सैनिटाइज कर दिया गया है। जिन मंदिरों में दो रास्ते नहीं हैं वहां पर रस्सी लगाकर आने जाने की व्यवस्था की गई है।
मंदिरों के बंद रहने से श्रद्धालुओं में निराशा थी। सर्व देवता समिति के माध्यम से कई बार मंदिरों को खोलने का आग्रह किया जा रहा था। श्रद्धालु बेसब्री से मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। महामृत्युंजय मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा ने बताया कि मंदिर में अलग-अलग रास्ते से प्रवेश व निकास रहेगा। इसके लिए रस्सी लगा दी गई है। मंदिरों में सामाजिक दूरी और मास्क की अनुपालना का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।