AAP विधायकों-पार्षदों का निलंबन नहीं संभव… पार्षदों की शपथ की नई तारीख पर होंगे विशेष इंतजाम… समझें पूरा गणित

-मेयर, डिप्टी मेयर के पद के लिए BJP के पास नहीं जुट पा रहा आंकड़ा, फिर भी आसान नहीं होगी AAP की राह
-प्रदेश BJP का स्टेंडिंग कमेटी पर कब्जे के लिए रहेगा सारा जोर, नरेला व सेंट्रल जोन के लिए किया जुगाड़

जे.के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 10 जनवरी, 2023।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच चल रहा सियासी मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प होता जा रहा है। 6 जनवरी को सदन में आप-बीजेपी के पार्षदों और विधायकों के बीच हुए खूनी संग्राम के बाद बीजेपी ने आप विधायकों और पार्षदों के निलंबन की मांग की है, लेकिन उपराज्यपाल की ओर से इस तरह की कार्रवाई असंभव नजर आ रही है। हालांकि अब तक बीजेपी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा जुटा नहीं पाई है, लेकिन इस चुनाव में आप के लिए भी राह आसान नहीं है।
सियासी विशेषज्ञों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों को 6 जनवरी की घटना के लिए निलंबित नहीं किया जा सकता। क्योंकि उन्होंने अभी तक शपथ ही नहीं ली है। दूसरी ओर आप विधायकों को भी निलंबित नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसी कोई नियमावली नहीं है, जिसका उन्होंने उल्लंघन किया हो। बात यदि मारपीट की करें तो चोटें दोनों ही दलों के पार्षदों के आई हैं। ऐसे में केवल एक दल के पार्षदों या विधायकों का निलंबन आसान नजर नहीं आता है।
बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल (एलजी) अब आम आदमी पार्टी के विधायकों-पार्षदों को 6 जनवरी जैसा और कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। पार्षदों की शपथ और मेयर, डिप्टी मेयर व स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के साथ ही वह सुरक्षा की दृष्टि से कुछ नियम व शर्तें तय करने वाले हैं। यदि आम आदमी पार्टी की ओर से इनका उल्लंघन किया गया तो उन्हें हाउस से निकाल दिया जायेगा और उनकी अनुपस्थिति में शपथ के साथ मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव करा दिया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो बीजेपी अपना मेयर चुनवाने में सफल रहेगी।
यदि आप पार्षद व विधायक मर्यादा में रहते हैं तो वह अपना मेयर व डिप्टी मेयर चुनवा पाने में सफल रहेंगे। लेकिन ऐसी स्थिति में बीजेपी के सभी एल्डरमैन पार्षदों की शपथ भी हो जायेगी और वह वार्ड कमेटी (जोन) चुनाव में वोट देने के हकदार हो जायेंगे। ऐसे में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा जोन से अपने स्टेंडिंग कमेटी मेंबर लाने में सफल रहेगी। इस तरह से मेयर पद पर आम आदमी पार्टी और स्टेंडिंग कमेटी पर बीजेपी अपना कब्जा कर पाने में सफल रहेंगे।
प्रदेश बीजेपी का स्टेंडिंग कमेटी पर कब्जे की कवायद
प्रदेश बीजेपी नेतृत्व मेयर के बजाय दिल्ली नगर निगम की स्टेंडिंग कमेटी पर कब्जे की कवायद में है। लेकिन मेयर के चुनाव में आखिरी दम तक आसानी से आम आदमी पार्टी की जीत मे अड़ंगा लगाने की कोशिश में है। शाहदरा नॉर्थ, शाहदरा साउथ, नजफगढ़ और केशवपुरम जोन में बीजेपी पहले ही बहुमत में है। अतः उसे इन चार जोन से अपने स्टेंडिंग कमेटी सदस्य लाने में कोई परेशानी नहीं है। सिविल लाइंस जोन में बीजेपी ने 4 नोमिनेटिड पार्षदों को भेज दिया है, अतः यहां भी बीजेपी 1 वोट से बहुमत में आ गई है। इस तरह से 5 जोन में बीजेपी को कोई परेशानी नहीं है। अब नरेला और सेंट्रल जोन बच जाते हैं। नरेला जोन में बीजेपी और आप के 10-10 वोट हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि यहां भी बीजेपी ने आप के पार्षदों में सेंध लगा ली है, जबकि सेंट्रल जोन से एक कांग्रेस पार्षद को एलजी के द्वारा हज कमेटी में भिजवा कर अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं। ऐसे में यदि स्टेंडिंग कमेटी के लिए बीजेपी 7 जोन से 7 सदस्य लाने में कामयाब हो सकती है और 3 सदस्य हाउस से आ सकते हैं। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी में बीजेपी 10 और आप के 8 सदस्य होंगे। जाहिर सी बात है कि ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी बहुमत में आ जायेगी और निगम की सबसे ताकतवर कमेटी पर उसका कब्जा हो जायेगा।