-दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस की नहीं बन पा रही बात
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 29 दिसंबर।
अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों जोड़कर बना ‘इंडी’ गठबंधन एकजुट होने से पहले ही कई फाड़ होने लगा है। बंगाल में ममता, महाराष्ट्र में उद्धव, बिहार में नीतीश और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस सहित कई दूसरे दलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी और सभी सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि इंडी गठबंधन पूरे देश में मिलकर चुनाव लडेगा, लेकिन बंगाल में टीएमसी अकेली लड़ेगी और भाजपा को हराएगी। ममता ने कहा कि बंगाल में केवल टीएमसी ही भाजपा को सबक सिखा सकती है, कोई दूसरी पार्टी नहीं। सीएम ममता ने बीते दिन उत्तर 24 परगना जिले में बांग्लादेश मूल के लोगों की बड़ी आबादी तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए नागरिकता के मुद्दे में हेरफेर करने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है। इस मांग को कांग्रेस ने नकार दिया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने इस पर बयान देते हुए कहा कि राज्य में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सबसे बड़ी पार्टी है और कांग्रेस को जीरो से शुरुआत करनी होगी। दरअसल, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शिवसेना को टूटी हुई पार्टी बताया था, जिसके बाद संजय राउत ने जवाब में महाराष्ट्र में 23 सीटों पर दावा ठोंका है।
पिछले दिनों दिल्ली में हुई इंडी गठबंधन की चौथी बैठक में नीतीश कुमार के भारत वाले बयान और अंग्रेजी को लेकर नाराजगी की खासी चर्चा हुई। अब उन्होंने कहा है कि कांग्रेस बिहार सरकार की उपलब्धियों की चर्चा नहीं करती, ऐसे में उसकी नीयत ठीक नजर नहीं आती। चौथी मीटिंग में सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा भी अधर में लटक गई। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस ने गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों का मूड भांपते हुए एकला चलो रे का रास्ता अपना लिया। राहुल गांधी ने इंडी गठबंधन से अलग महाराष्ट्र के नागपुर से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी, जहां एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की पार्टनर है।
नागपुर में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया। इसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने खुले तौर पर महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर दावा ठोंक दिया। एनसीपी के महाराष्ट्र में चार सांसद हैं। इससे पहले सपा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा था। सपा प्रमुख ने गठबंधन में सीट शेयरिंग में देरी होने पर कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया। वहीं, बसपा के गठबंधन में शामिल होने की चर्चा पर भी सपा नाराज दिखी थी।