-मध्यस्थता कमेटी विवाद सुलझाने में रही असफल
-सभी पक्षों को कागजात तैयार करने के आदेश
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 6 अगस्त से खुली अदालत में इसकी सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी कामयाब नहीं हो पाई। मंदिर विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। मामले की सुनवाई कर रही संवैधानिक पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि इस मामले से संबंधित हस्तक्षेप और रिट पिटीशन के मामले लंबित हैं।
सभी पहलुओं पर गौर करेगा कोर्ट
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मामले पर विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे। पहले मामले की सुनवाई शुरू होने दीजिए। मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी मौजूद रहे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सभी वकील अपने-अपने मामलों से संबंधित दस्तावेज तैयार कर लें, जिन्हें आधार बनाकर वे बहस करेंगे। ताकि इस मामले से संबंधित दस्तावेजों की रजिस्ट्री पूरी कराई जा सके।
40 दिन का समय लेगा हिंदू पक्ष
मामले की सुनवाई के दौरान वकील विष्णु ने कहा कि मध्यस्थता पैनल किसी एक मुद्दे पर बातचीत करने में असफल रहा है। इस मामले पर हिंदू पक्ष अपनी बहस की तैयारी करने में 40 दिन का समय लेगा। पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि उसे तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की एक रिपोर्ट मिली है, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला कर रहे हैं। पैनल के अन्य दो सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं।