-पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी नेताओं पर नाराज
-कहाः अपने बेटों को टिकट देने से नहीं चलेगी पार्टी
संजीव अरोड़ा / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल जारी है। पार्टी में इस्तीफों का दौर तो शुरू हुआ लेकिन वह केवल इस्तीफा देने और मना करने तक ही सीमित रह गया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की कोशिश की लेकिन पार्टी वर्किंग कमेटी बैठक में इसे स्वीकार नहीं किया गया। लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों पर मंथन करने के लिए बैठी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं के पुत्र-मोह पर जमकर बरसे। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक नाराजगी जताते हुए राहुल ने कहा कि अपने बेटे की टिकट के लिए कुछ नेताओ ने उन पर ये कह कर दबाव बनाया था कि बेटे को टिकट ना मिलने पर वो इस्तीफा दे देंगे।. राहुल का इशारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और चिदंबरम की ओर था।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि हमें राज्यों में स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करना चाहिए। सबसे अंत में बोलते हुए राहुल ने सिंधिया की इस बात का जवाब देते हुए नाराजगी में कटाक्ष किया और कहा कि क्या हमें इसलिए राज्यों में नेतृत्व को मजबूत करना चाहिए कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की टिकट के लिए दबाव बनाएं?
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने जोधपुर से चुनाव लड़ा और हारे। जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे ने उनकी सीट छिंदवाड़ा से और चिदंबरम के बेटे कार्तिक चिदंबरम ने तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। गहलोत और चिदंबरम कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य हैं। कमलनाथ को भी इस बैठक में रहना था, लेकिन किन्हीं वजहों से वो मौजूद नहीं थे।
सूत्रों बताते हैं कि बैठक में राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं पर पार्टी के लिए अहम राफेल के मुद्दे पर आक्रामता की कमी के लिए भी फटकार लगाई। अंत में राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए खुद अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। जिसे सभी सदस्यों ने एक श्वर में नामंज़ूर कर दिया। हालांकि संकेतों के मुताबिक राहुल अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी पार्टी का पुनर्गठन करें। देखना होगा कि इस पुनर्गठन के दौरान राहुल गांधी पुत्रमोह वाले नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं।
स्वयं परिवारवाद के सबसे बड़े प्रतीक