-दोनों दलों ने करीब 100 नेताओं के खिलाफ की कार्रवाई
एसएस ब्यूरो/ जयपुरः 23 नवंबर।
राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) अंतिम पड़ाव पर है। चुनाव प्रचार थम गया है। 25 नवंबर को 199 सीटों पर मतदान होगा। परंतु निर्दलीय (Independents) और बागियों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (CONGRESS) की सांसें फुला रखी हैं। खास बात हे कि श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट के कांग्रेस प्रत्याशी का निधन हो जाने की वजह से इस सीट पर अभी मतदान नहीं होगा। इस सीट पर चुनाव के लिए अलग से तारीख घोषित की जायेगी। राजस्थान में सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है और दोनों ही प्रमुख पार्टियों को इस बार कई जगह बगातवत का सामना करना पड़ रहा है। कई सीटों पर अन्य दलों और निर्दलीयों से मिल रही चुनौती की वजह से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है।
बता दें कि कांग्रेस और बीजेपी के बागियों समेत कई जगह निर्दलीय प्रत्याशी कड़े मुकाबले में है। जिसकी वजह से दोनों ही प्रमुख दलों ने बागियों को पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया है। परंतु अब बागी और निर्दलीय दोनों मिलकर बीजेपी और कांग्रेस को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। गौरतलब है कि इस बार दूसरे छोटे दलों ने पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
कांग्रेस ने 50 और बीजेपी ने 40 बागियों को दिखाया बाहर का रास्ता
बगावत को लेकर कांग्रेस ने मौटे तौर पर अब तक करीब 50 उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की है। दूसरी ओर बीजेपी कई बागियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए करीब 40 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। अंदरखाने दोनों ही दलों के नेता अपने कुछ बागियों को अब भी मनाने की कोशिश में लगे हैं।
इन सीटों पर बिगड़ते दिख रहे समीकरण
चित्तौड़गढ़ में निर्दलीय चन्द्रभान सिंह आक्या, डीडवाना में यूनुस खान, सवाईमाधोपुर में आशा मीणा, कोटपुतली में मुकेश गोयल, बाड़मेर में डॉ. प्रियका चौधरी, चौहटन में तरूण राय कागा, शाहपुरा (भीलवाड़ा) में कैलाश मेघवाल, श्रीगंगानगर में करुणा अशोक चांडक, झोटवाड़ा में आशुसिंह सूरपुरा, खंडेला में बंशीधर खण्डेला, लूणकरणसर में वीरेन्द्र बेनीवाल, झुंझुनूं में राजेन्द्र भाम्बू, सांचौर में जीवाराम चौधरी, पिलानी में कैलाश मेघवाल और अनूपगढ़ शिमला बावरी ने बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ रखे हैं।
निर्दलीयों ने ठोंक रखी ताल
हनुमानगढ़ में निर्दलीय राजेन्द्र सिंह भादू, शाहपुरा में आलोक बेनीवाल, नागौर में हबीबुर्रहमान अशरफी लांबा, जालोर में रामलाल मेघवाल, बसेड़ी में खिलाड़ीलाल बैरवा, केशोरायपाटन में राकेश बोयत, पुष्कर में गोपाल बाहेती, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में जौहरीलाल मीणा, शिव में रविन्द्र सिंह भाटी व फतेह खान, सूरतगढ़ में राजेन्द्र सिंह भादू ,वल्लभनगर में राजकुमारी, बस्सी में अंजू देवी धानका और जितेन्द्र मीणा जैसे निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस-बीजेपी के समीकरण बिगाड़ रखे हैं।
छोटे दलों ने भी दर्ज करवा रखी उपस्थिति
उदयपुर वाटी में राजेन्द्र गुढा (शिवसेना), संगरिया में परम नवदीप (आजाद समाज पार्टी), रायसिंह नगर में श्योपत राम (सीपीआईएम), भादरा में बलवान पूनिया (सीपीआईएम), नोखा में कन्हैया लाल झंवर (विकास मंच), खींवसर में हनुमान बेनीवाल (आरएलपी), मेड़ता में इंदिरा देवी (आरएलपी), दांतारामगढ़ में अमराराम (सीपीआईएम) और रीटा सिंह चौधरी (जननायक जनता पार्टी), वल्लभनगर में दीपेन्द्र कुंवर भींडर (जनता सेना), विराटनगर में रामचंद्र सराधना (आजाद समाज पार्टी), शिव में जालम सिंह (आरएलपी), भोपालगढ़ में पुखराज गर्ग (आरएलपी) और फतेहपुर में नंदकिशोर महरिया (जननायक जनता पार्टी) जैसे उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनाव में अपनी अच्छी खासी मौजूदगी दर्ज करवा रखी है।