पूर्वांचल के नाम रहा सबसे बड़ी हार का रिकॉर्ड

-चुनाव में जेडीयू के खाते में गई दिल्ली की सबसे बड़ी हार
-आप के संजीव ने जेडीयू के शैलेंद्र को 88 हजार से हराया

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
पूर्वांचल के नाम पर शुरू हुई विधानसभा चुनाव की सियासी लड़ाई में सबसे बड़ी हार का रिकॉर्ड भी पुर्वांचल के नाम ही रहा। भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाकर इंद्रप्रस्थ के सियासी मैदान में पहली बार उतरे जेडीयू के हिस्से सबसे बड़ी हार आई। नामांकन के आखिरी चरण में समझौते की घोषणा के साथ पैराशूट के जरिए जेडीयू के टिकट पर बुराड़ी सीट से उतरे शैलेंद्र कुमार को आम आदमी पार्टी विधायक संजीव झा ने 88 हजार 158 वोट से हरा दिया। शैलेंद्र पूरे चुनाव में कहीं टक्कर देते नजर नहीं आए। संजीव झा ने 2015 में यह सीट बीजेपी से यह सीट 67 हजार 950 वोट से जीती थी।
संगम विहार में हार की हैटट्रिक
पूर्वांचल के नाम पर दिल्ली में बीजेपी ने जेडीयू को दूसरी सीट संगम विहार की दी थी। इस सीट पर भी बीजेपी-जेडीयू नेता एससीएल गुप्ता आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को टक्कर देते नजर नहीं आए। मोहनिया ने जेडीयू के एससीएल गुप्ता को 42 हजार 522 वोट से हराया। 2015 के चुनाव में दिनेश मोहनिया ने एससीएल गुप्ता को ही 43 हजार 988 वोटसे हराया था। खास बात यह रही कि एससीएल गुप्ता ने लगातार तीसरी बार हारने के साथ हार की हैटट्रिक बनाई है।
एलजेपी ने डुबोई लुटिया
भारतीय जनता पार्टी ने जेडीयू के अलावा दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार एक और नया प्रयोग किया था। बीजेपी ने एलजेपी को भी एक सीट समझौते के तहत दी थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी सीट से चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल होने वाले संतलाल चावरिया को एलजेपी ने उतारा था। लेकिन एलजेपी उम्मीदवार ने बीजेपी की लुटिया डुबो दी। बीजेपी-एलजेपी उम्मीदवार संतलाल दिल्ली में तीसरे सबसे ज्यादा अंतर से हारने वाले प्रत्याशी साबित हुए। उन्हें आम आदमी पार्टी के राजेंद्र पाल गौतम ने 56 हजार 108 वोट से हराया।
धराशायी हुई बीजेपी की जंबो टीम
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी तीसरी बार दिल्ली वालों के दिलों में उतरने में कामयाब रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में आप 67 सीट से सरकते हुए 62 सीट पर आ गई है। वहीं बीजेपी 3 सीट से आगे बढ़ते हुए 8 सीट पर पहुंच गई है। लेकिन बीजेपी के साथ मुश्किल यह रही कि वह सिंगल डिजिट से आगे नहीं बढ़ पाई। केजरीवाल की आंधी के सामने गुजरात, बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के सीएम से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल की जंबो टीम ढेर हो गयी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भी राष्ट्रीय मुद्दे नहीं चल सके।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली में दूसरी सबसे बड़ी जीत में कई उम्मीदवारों ने कम और ज्यादा अंतर के कई रिकॉर्ड तोड़े।
जानें कौन रहा 2 हजार से नीचे और किसने तोड़ी बड़े अंतर से जीत का रिकॉर्डः
बिजवासन
दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाली बिजवासन सीट पर मुकाबला बेहद नजदीकी रहा। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के भूपेंद्र सिंह जून ने सिर्फ 753 वोट से बीजेपी के सत्य प्रकाश राणा से जीते हैं। बिजवासन सीट आम आदमी पार्टी के लिए पहले से महत्वपूर्ण रही। कारण है कि यहां से आप विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने पार्टी के साथ बगावत कर दी थी और वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन पार्टी ने सहरावत को टिकट नहीं देकर सत्य प्रकाश राणा को चुनाव में उतारा था।
लक्ष्मी नगर
लक्ष्मी नगर सीट से बीजेपी के अभय वर्मा ने जीत हासिल की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के चर्चित नेता और विधायक नितिन त्यागी को 880 वोट से हराया। लक्ष्मीनगर सीट कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण सीट रही। यहां से डॉ अशोक कुमार वालिया ने कई बार जीत हासिल की और वह शीला दीक्षित मंत्रिमंडल में शामिल रहे। भले ही जीत का अंतर छोटा हो लेकिन अब यह सीट बीजेपी के खाते में है।
आदर्श नगर
आदर्श नगर सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक पवन शर्मा ने बीजेपी के राजकुमार भाटिया को 1589 वोट से हराया है। इस सीट पर बीजेपी ने 2013 में भी कब्जा किया था। तब बीजेपी के रामकिशन सिंघल ने आप उम्मीदवार को हराया था।
सबसे ज़्यादा अंतर वाली सीटें
बुराड़ी
बुराड़ी सीट यों तो पहले से ही चर्चा में ही रही है। लेकिन इस बार यह सीट सबसे बड़े अंतर से जीत के लिए चर्चा में है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने जनता दल यूनाईटेड के उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार को 88 हजार 158 वोट से हराया है। पिछली बार संजीव झा ने यह सीट 67 हजार 950 वोट से जीती थी।
ओखला
शाहीन बाग के चलते चर्चा में रही ओखला सीट से आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने बीजेपी के ब्रह्म सिंह तंवर को 71 अजार 827 वोट से हराया है। अमानतुल्ला खान ने यह सीट 2015 में 64 हजार 532 वोट के अंतर से जीती थी। अमानतुल्ला खान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और मुख्य सचिव के साथ धक्का-मुक्की वाले विवाद में भी शामिल रहे हैं। पिछले दिनों उनके ऊपर शाहीन बाग में हिंसक आंदोलन के लिए लोगों को उकसाने के आरोप भी लगे थे।
सीमापुरी
बीजेपी को तीसरा सबसे बड़ा झटका देने वाली सीमापुरी सीट रही। यहां से आम आदमी पार्टी के राजेन्द्र पाल गौतम ने लोकजनशक्ति पार्टी के संत लाल को 56,108 वोट से हराया है। 2015 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र पाल गौतम ने यह सीट 48 हजार 821 वोट से जीती थी।
मटिया महल
मुस्लिम मतदाता बहुल सीट मटिया महल पर जीत का अंतर बड़ा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए शोएब इक़बाल ने उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर रविंद्र गुप्ता को 50 हजार 241 वोट से हराया। शोएब इकबाल पिछली बार यह सीट कांग्रेस में रहते हुए आप उम्मीदवार असीम अहमद खान से 26 हजार 96 वोट से हार गए थे।