संत समागम में ‘समान नागरिक अचार संहिता’ लागू करने का प्रस्ताव पास

-देश व धर्म के लिए खतरनाक है संस्कार विहीन समाज: महात्यागी  
                                             
एसएस ब्यूरो/ पूर्वी दिल्ली: 26 जून।
प्राकृतिक आपदाओं के विनाशकारी प्रकोप से विश्व को बचाने एवम् मानव प्राणी को नाना प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने हेतू कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र के चन्दू पार्क पुरानी अनारकली कालोनी स्थित सिद्ध पीठ श्री सीताराम संत सेवा मन्दिर एवम् गौशाला (चंदू पार्क पुरानी अनारकली ) में चल रहे शतचण्डी महायज्ञ के अवसर पर सोमवार को विराट संत समागम का आयोजन हुआ।
संत समागम में दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नारायण गिरी जी महाराज, महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास, महंत राम बालक दास जी महाराज ( छत्तीसगढ़ ), महंत सीताराम दास जी महाराज ( ऋषिकेश ), भीष्म लाल शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन राजीव शर्मा, धीरेंद्र पूरी जी महाराज सहित देश भर के प्रमुख संतो व धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं की उपस्थिति में देश में ‘समान नागरिक अचार संहिता’ लागू करने का प्रस्ताव पास किया गया ।
इस अवसर पर दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नारायण गिरी जी महाराज एवम महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास जी ने समान नागरिक अचार संहिता लागू किए जाने के संदर्भ में कहा कि यह कानून राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को समानता प्रदान करेगा । ये किसी भी मत या पंथ के खिलाफ नही है । ज्ञात रहे प्रजातंत्र सभी नागरिकों को एक समान अधिकार प्रदान करने की विवेचना करता है।
रामगोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ने इस मौके पर सिद्ध पीठ में चल रहे  26 वे श्री शत चंडी महायज्ञ के संदर्भ में बताया कि इस के प्रभाव से कुंडली में मौजूद बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है. सौभाग्य में वृद्धि होती है और मनुष्य के शत्रुओं पर विजय  प्राप्त होने के साथ साथ  कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं तक खत्म हो जाती हैं.  
संतो ने इस मौके पर भारत की सम्प्रभुता को चुनौती देने वाली राष्ट्र विरोधी शक्तियों का बहिष्कार करने का आह्वान करने के साथ साथ समाज को संस्कारित बनाने की भी हुंकार भरी । संतो ने हिन्दू  राष्ट्र की परिकल्पना को लेकर यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्र को लेकर हंगामा-दर-हंगामा का जो सिलसिला चल रहा है वह हकीकत में राजनीति से प्रेरित है ज्ञात रहे इसके पक्ष धर हिंदू ही नही बल्कि भारत का मुस्लिम व ईसाई समाज का बहुत बड़ा वर्ग भी । विडंबना यह है कि हिन्दू  राष्ट्र के पक्ष में देश में बन रहा इस प्रकार का माहौल भारत विरोधी विदेशी शक्तियों को हजम नही हो रहा ।
सन्त समागम के दौरान सन्तों ने कहा कि वर्तमान में समाज को संस्कारित बनाने के साथ साथ उसमें आध्यात्मिक व् वैचारिक चेतना जागृत करने की भी नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है । क्योंकि जिस देश का नौजवान संस्कारों के अभाव में दिशाहीन , बचपन संस्कार विहीन और  वृद्ध मौन हो जाता है उस देश व धर्म की अस्मिता को बचा पाना भी असम्भव हो जाता है ।
सन्त समागम में महामण्डलेश्वर श्री राम गोविंद दास महात्यागी जी महाराज के निमंत्रण पर श्री महंत राम आधार दास जी महाराज, महंत केशव दास जी महाराज, महंत दीनबंधु दास महात्यागी जी महाराज, हरिराम दास बैरागी जी महाराज, महामंडलेश्वर विद्यागिरी जी महाराज व कोतवाल महंत मंगल दास उदासीन सहित सैकड़ों अन्य संत महात्मा भी मौजूद रहे।