-कोविड की वजह से पब्लिक स्कूल्स की हालत खराब, सरकार नहीं दे रही ध्यान
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। प्राईवेट स्कूल एंड चिल्डरन वेलफेयर एसोसिएशन की रविवार 25 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इसका ऐलान किया गया। इस मौके पर एसोसिएशन की दिल्ली की नवगठित इकाई का भी ऐलान किया गया। कुलदीप शर्मा को एसोसिएशन की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है। एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि प्राईवेट स्कूल्स के सामने सरकार की ओर से आने वाली हर समस्या में मदद की जायेगी।
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कुलदीप शर्मा ने आगे कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्राईवेट स्कूल संचालकों को माफिया घोषित करने की कोशिश की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सरकार के स्कूलों के मुकाबले प्राईवेट स्कूल बेहतर शिक्षा और बच्चों की बेहतर देखभाल करते हैं। बच्चों के विकास में प्राईवेट स्कूलों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि राजनेताओं से लेकर अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों के बजाय प्राईवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। अब तो मध्यमवर्गीय व निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे ज्यादातर संख्या में प्राईवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
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दरअसल अभिभावकों का भरोसा जिस तरह से प्राईवेट स्कूलों पर बढ़ा है, वह इन स्कूलों की कार्यक्षमता को दर्शाता है। सरकार और इसके नेता केवल अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं, प्राईवेट स्कूल्स को इसी राजनीति की भेंट चढ़ाया जा रहा है। पब्लिक स्कूलों को एफिलिएशन या अन्य किसी भी तरह की समस्याएं आती हैं तो हमारी एसोसिएशन इस मामले में भी प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन का सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन स्कूल्स के सामने और भी समस्याएं आने वाली है, इसीलिये इस एसोसिएशन का गठन किया गया है।
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