-मंगलवार को होनी थी सभी 14 जिलों के पदाधिकारियों की घोषणा
-बुधवार-गुरूवार को की जानी थी मोर्चा पदाधिकारियों की घोषणा
-नवरात्रों के बीच किसी भी समय जारी की जा सकती है पदाधिकारियों की सूची
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली। 18 अक्टूबर, 2023।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रेशर पॉलिटिक्स जोरों पर है। जिला और मोर्चा के पदाधिकारियों की घोषणा नवरात्रों के पहले या दूसरे दिन की जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रदेश नेतृत्व ने जिला पदाधिकारियों की सूची को हरी झंडी दे दी थी। मंगलवार की रात को सूची का जारी किया जाना तय भी हो गया था। लेकिन एक बार फिर प्रेशर पॉलिटिक्स ने जोर मारा और जिला पदाधिकारियों की सूची जारी होते-होते रह गई। बताया जा रहा है कि चांदनी चौक, केशव पुरम और उत्तर-पूर्वी सहित चार जिलों में ज्यादा विवाद होने की आशंका है।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक मंगलवार की शाम को एक बार फिर दो से तीन जिलों के पदाधिकारियों की सूची में बदलाव के लिए प्रेशर आ गया और सूची जारी होते-होते रह गई। बताया जा रहा है कि एक जिले में एक पूर्व जिला अध्यक्ष के ड्राईवर को जिला महामंत्री बनाये जाने के प्रस्ताव पर विरोध चल रहा है। वहीं एक जिला में पिछले चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों का विरोध करने वाले को प्रमुख जिम्मेदारी दिये जाने की बात पर पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है।
सूत्रों का कहना है कि एक पार्षदा के पति को एक जिले में दोबारा महामंत्री बनाये जाने की चर्चा वहां के कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के एक जिले में भी जिला पदाधिकारियों के प्रस्तावित नामों को लेकर नाराजगी बताई जा रही है। यही कारण है कि जिला पदाधिकारियों, मोर्चा पदाधिकारियों और प्रकोष्ठ पदाधिकारियों के नामों की घोषणा लगातार टलती जा रही है। बताया जा रहा है कि अब नवरात्रों के दौरान कभी भी जिला और मोर्चा पदाधिकारियों की सूची जारी की जा सकती है। हालांकि सभी सूचियों को अलग अलग जारी किये जाने पर जोर दिया जा रहा है।