लोगों को मिली तीन महीने तक लोन चुकाने से छूट

-आरबीआई ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट में की कटौती
-कर्ज पर ब्याज घटाने के साथ पांच बड़ी घोषणाएं

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन की मार झेल रहे लोगों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। काम धंधा छोड़कर अपने घरों में बैठे लोगों को अपना लोन चुकाने के लिए सरकार ने तीन महीने की छूट दी है। यानी अब लोगों के द्वारा लिया गया लोन अब तीन महीने आगे तक खिसक जाएगा। रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को सलाह दी है कि यदि उनके खाते में पैसा है तो वह अपना लोन चुकाते रहें।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सभी तरह के टर्म लोन पर तीन महीने के लिए मोरोटोरियम लगा दिया है। चालू वित्त वर्ष में यदि अप्रैल, मई और जून के दौरान उनकी मासिक किश्त बाउंस हो जाती है तो इसका असर लोन लेने वाले की क्रैडिट हिस्ट्री या ट्रैक रिकॉर्ड पर नहीं पड़ेगा। डिफॉल्ट होने की स्थिति में यह कर्जदार की क्रैडिट हिस्ट्री में शो नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि तीन महीने का यह लोन माफ नहीं होगा, केवल आगे लिए बढ़ जाएगा।
इस समय दुनियाभर के करीब सभी देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। भारत में सख्ती के साथ लॉकडाउन शुरू किया गया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया।
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। इसके बाद रेपो रेट 4.44 पर आ गया है। रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि हम अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने वाले निर्णय कर रहे हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। इसके बाद यह तीन फीसदी के स्तर पर आ गया है।
आरबीआई के गवर्नर ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के संकट की वजह से आशंका है कि दुनिया का बड़ा हिस्सा आर्थिक मंदी की चपेट में आ सकता है। कच्चे तेल के दाम और मांग में कमी से मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति की दर में कमी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती के पक्ष में और दो सदस्यों ने इसके विरोध मे मतदान किया।
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति के द्वारा अनिश्चित आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिए आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हालांकि मौजूदा स्थिति पर आरबीआई की कड़ी नजर बनी हुई है। नकदी बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से सभी कदम उठाए जाएंगे।
बता दें कि मोदी सरकार देशभर में लॉकडाउन से लोगों को होने वाली मुश्किलों को दूर करने के लिए सभी कदम उठा रही है। इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का ऐलान करते हुए बताया था कि गरीबों को तीन माह तक का मुफ्त राशन दिया जाएगा। दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि ईपीएफ में पूरा योगदान सरकार देगी।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि गरीबों और मजदूरों को उनके खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा। केंद्र ने 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए राहत का ऐलान करते हुए कहा कि इनकी राहत लिए 31 हजार करोड़ का फंड है। सरकार तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी। इसके अलावा पीएफ फंड रेग्युलेशन में संशोधन किया जाएगा।