-साक्षात्कारः पांच बार सांसद और पार्टी के प्रमुख पदों पर रहा हूं- कटियार
-ढांचा जर्जर था, उसे ढहाया नहीं गया, गिर गया थाः विनय कटियार
बुधवार 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। देशभर में हर्ष की लहर दौड़ती रही और लोगों ने दिवाली मनाई। लेकिन कुछ ऐसे चेहरे हैं जो इस मौके पर पूजा-अर्चना या मंच पर दिखाई नहीं दिये। उनमें से एक प्रमुख चेहरा विनय कटियार का है। बजरंग दल के संस्थापक, बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के मामले के आरोपी और राम मंदिर आंदोलन के अगुआ व बीजेपी नेता विनय कटियार को उनके उग्र बयानों और भाषणों के लिए जाना जाता है। वह राम की जन्मभूमि अयोध्या (फैजाबाद) से तीन बार लोकसभा सांसद और यूपी से ही दो बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले विनय कटियार राम जन्मभूमि से थोड़ी दूरी पर स्थित कनक भवन के पीछे रहते हैं। अयोध्या में रहते हुए विनय कटियार भूमि पूजन में शामिल क्यों नहीं हुए? आजकल वह क्या कर रहे हैं? पार्टी में उनकी स्थिति क्या है? और भविष्य में उनकी क्या कार्ययोजना है? इन्हीं सब सवालों के साथ हमने उनके साथ बात की। पेश हैं उनके साथ बातचीत के कुछ अंशः-
प्रश्नः पूरा देश 5 अगस्त को व्यस्त रहा, अयोध्या में भूमि पूजन हुआ, बड़े-बड़े नेता दिखाई दिये लेकिन विनय कटियार कहीं दिखाई नहीं दिये, क्यों?
कटियारः हंसते हुए… बिदआउट बिजनेस व्यस्त रहना ठीक नहीं…
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प्रश्नः क्या यह मान लिया जाए कि कभी राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे विनय कटियार को अब संघ और बीजेपी ने कोई काम नहीं दिया है?
कटियारः ऐसी बात नहीं है। ट्रस्ट का काम है। इस काम में ट्रस्ट के लोग लगे हुए हैं। मेरा काम दर्शन करना है और मैंने 5 अगस्त को रामलला के दर्शन किये हैं।
प्रश्नः भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि राम मंदिर आंदोलन में पीएम नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं रहा है। आप क्या मानते हैं?
कटियारः समय-समय पर सबका योगदान रहा है। तब मोदी गुजरात में सक्रिय थे। गुजरात के अंदर उन्होंने जगह-जगह जाकर प्रचार किया है। लोगों को जोड़ने का काम किया है, फिर मुख्यमंत्री बन गए तो उनकी दूसरी भूमिका हो गई थी।
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प्रश्नः बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के मामले में आप आरोपी हैं। वो केस अभी भी चल रहा है। अपने भविष्य को लेकर कोई चिंता है? क्यों कि बीजेपी ने आपसे किनारा कर लिया है।
कटियारः पहली बात तो यह कि मुझे ’बाबरी’ शब्द के प्रयोग से ऐतराज है। वो केवल एक ढांचा था। जर्जर हो चुका था। उसे ढहाया नहीं गया बल्कि खुद ही गिर गया था। जो केस चल रहा है वो तो कांग्रेस की चाल थी। उस समय कांग्रेस शासन में थी तो उन्होंने केस लगा दिया। रही बात पार्टी के किनारा करने की है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है। आज भी मैं बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं। मैं पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहा हूं। राष्ट्रीय महामंत्री रहा हूं। पार्टी के इतने सारे पदों पर रहा हूं फिर कैसे कह सकते हैं कि पार्टी ने किनारा कर लिया है।
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प्रश्नः 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन (शिलान्यास) हुआ। बहुत से लोगों की अलग अलग भूमिका रही। आपके पास क्या भूमि रही?
कटियारः मेरी भूमिका के बारे में सबको पता है। राम जन्मभूमि आंदोलन को मैंने शुरू किया था। धीरे-धीरे बहुत से लोग जुड़ते चले गए। संतों का आशीर्वाद मिलता गया। संगठन के जो बड़े-बुजुर्ग लोग थे उनका आशीर्वाद मिलता गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इसमें बड़ी भूमिका रही। इसमें दूसरे कई नेताओं का भी भारी योगदान रहा है। इस सब को नकारा नहीं जा सकता। अगर राज्य स्तर की बात की जाए तो कल्याण सिंह और कलराज मिश्रा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर राजनाथ सिंह और लालकृष्ण आडवाणी को इसका श्रेय जाता है।
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प्रश्नः अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तो शुरू हो रहा है। अब भविष्य में विनय कटियार को करने के लिए क्या बचा है?
कटियारः देखते जाइये अभी करने के लिए बहुत कुछ बचा है। अभी मथुरा और काशी बचा है। उस दिशा में भी आगे बढ़ना है। इसमें हमारी भूमिका यहीं तक थी।
प्रश्नः काशी मथुरा के लिए क्या योजना है? उस दिशा में किस तरह से आगे बढ़ेंगे?
कटियारः सब कुछ अभी से नहीं बताया जा सकता। बस आप देखते जाइये, जल्दी ही सब बातें सामने आएंगीं।
प्रश्नः आपने मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन जब मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया तो आपका नाम कहीं देखने को नहीं मिला। इस आंदोलन से आपको क्या मिला?
कटियारः मुझे बहुत कुछ मिला है। मैं पांच बार सांसद रहा हूं। मैं भड़कने वालों में से नहीं हूं। एक बात और साफ कर दूं। हां यहां मैं यक बात भी साफ करना चाहता हूं कि मुझे किसी ने कुछ दिया नहीं है। सब भगवान ने दिया है। मुझ पर किसी इंसान की कोई कृपा नहीं है। किसी की दया नहीं है। मुझे जो मिला वो भगवान ने दिया। ठीक है?
प्रश्नः आपने बजरंग दल की स्थापना की, लेकिन अब इसी संगठन के लोग गौ रक्षा और दूसरे मुद्दों के नाम पर गुंडागर्दी करते पाये जाते हैं। आपको क्या लगता है, क्या यही सोचकर इस संगठन की स्थाना की गई थी?
कटियारः नहीं, यह सोचकर तो बजरंग दल नहीं बनाया गया था। कई बार तो लोग गलत तरीके से संगठन का नाम जोड़ भी देते हैं। हमने तो हनुमान के नाम पर बनाया था कि युवा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ें। वो जुड़े भी और इस आंदोलन में बहुत बढ़िया काम भी किया गया।