-चेंबर में घरेलू दर पर 200 यूनिट मुफ़्त बिजली देगी सरकार
-परिवार को पांच लाख का मेडिक्लेम, वकीलों को दस लाख का लाईफ इंश्योरेंस
-महिला वकीलों के लिए क्रेच की सुविधा, न्यायालयों में होगी ई लाइब्रेरी की स्थापना
टीम एटूजेड/नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के वकीलों को बड़ी सौगात दी है। दिल्ली सरकार की ओर से वकीलों को चेंबर के लिए घरेलू दर पर बिजली दी जाएगी। पहले यह कमर्शियल रेट पर मिलती थी। साथ ही दो सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री एडवोकेट वेलफ़ेयर फ़ंड के 50 करोड़ रुपए की राशि किस प्रकार ख़र्च होगी इसका भी एलान किया। दिल्ली में पंजीकृत व कार्यरत वकीलों व उनके परिवारों के लिए 5 लाख का मेडिक्लेम दिया जाएगा। सभी वकीलों के लिए 10 लाख रूपये का लाईफ इंश्योरेंस दिया जाएगा। महिला वकीलों के लिए क्रेच की सुविधा दी जाएगी। साथ ही अब वकीलों को दिल्ली के न्यायालयों में ई लाईब्रेरी की सुविधा मिलेगी। दिल्ली भारत का ऐसा पहला राज्य होगा जहां वकीलों के लिए सरकार की ओर से इतनी सारी सुविधाएं दी जाएंगी।
घरेलू दर पर रोशन होगा वकीलों को चैंबर
मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल ने कहा कि बुधवार 18 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में दिल्ली के वकीलों के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला लिया गाया। दिल्ली के सभी कोर्ट परिसर में वकीलों के जो चैंबर हैं, उन चैंबर पर अभी तक बिजली पर कमर्शियल रेट लगते थे। कैबिनेट ने उसे बदल दिया है। अब वकीलों के चैंबर पर उपयोग की गई बिजली पर कमर्शियल की जगह घरेलू रेट लगेंगे। घरेलू कनेक्शन में बिजली के 200 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है और 400 यूनिट तक आधा रेट लगता है। यह सभी फायदे अब वकीलों को भी अपने चैंबर में मिलेंगे। वकीलों की लंबे समय से यह मांग थी। हमने पिछले चुनाव में वादा भी किया था, आज वह वादा हम पूरा कर रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में दिल्ली के वकीलों को फायदा पहुंचेगा। उन्हें अब चैंबर के लिए बिजली पर हजारों रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे।
परिवार को ग्रुप मेडी-क्लेम और वकीलों का बीमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में 50 करोड रुपये का बजट हमने वकीलों के वेलफेयर में रखा था। यह पैसे कैसे खर्च होंगे। इसके लिए वकीलों की एक कमेटी बनाई गई थी। वकीलों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। उस रिपोर्ट में वकीलों ने अपनी चार मांगे रखी हैं। कैबिनेट ने वह चारों मांगें मान ली हैं। दिल्ली के जो स्थायी वकील हैं, उनको मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाएगा। उनके व उनके परिवार को 5 लाख रुपये तक यह मेडिकल इंश्योरेंस मिलेगा। हर वकील को 10 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा।
दिल्ली के न्यायालयों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा
वेलफ़ेयर फ़ंड के ख़र्च को ले कर बनी समिति ने सभी छह जिला अदालतों में ई-लाइब्रेरी सुविधाओं को स्थापित करने की सिफारिश की थी। जिसे कैबिनेट ने मान लिया है। जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को अपने मामलों और तर्कों को तैयार करने के लिए आवश्यक अधिनियमों, नियमों और केस कानूनों के कानूनी अनुसंधान करने में गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था। समिति ने 10 न्यायालयों, तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, साकेत कोर्ट, द्वारका कोर्ट और रोहिणी कोर्ट में 10 कंप्यूटरों के साथ पूरी तरह से ई-जर्नल, अपने वेब संस्करणों के साथ ई-लाइब्रेरी सुविधाओं की स्थापना का प्रस्ताव किया था। जिसमें एससीसी ऑनलाइन, दिल्ली लॉ टाइम्स आदि के साथ-साथ हेवी ड्यूटी प्रिंटर शामिल हैं। इसे कैबिनेट ने मान लिया है।
वकीलों और कर्मचारियों के लिए क्रेच सुविधा
दिल्ली में विभिन्न अदालतों में अधिवक्ताओं द्वारा नियुक्त महिला अधिवक्ताओं और महिला कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, समिति सभी छह जिला अदालतों में मुफ्त में क्रेच चलाने की सिफारिश की थी। जिसे कैबिनेट ने मान लिया। समिति ने क्रेच चलाने के लिए एलआईसी को सीएसआर के तहत इससे जोड़ने का प्रस्ताव किया था।
वकीलों ने की थी मुख्यमंत्री से वेलफेयर स्कीम की मांग
12 फरवरी 2019 को देशभर के वकीलों ने चिकित्सा सुविधा व पेंशन योजना को लेकर अदालतों में हड़ताल रखी थी। उसी दिन वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी थीं। मुख्यमंत्री ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार के बजट में वकील वेलफेयर के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया।
वकीलों के सिर जीत का सेहरा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत का सेहरा वकालों के सिर बांधा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में हुए चुनावों में वकीलों के बड़े योगदान से ही वह 70 में से 67 विधानसभा चुनाव जीताने में सफल रहे थे। हमने अपने मेनिफेस्टो में भी वकील वेलफेयर की बात की थी। जिसे हमने पूरा किया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वकीलों के कल्याण के लिए वह ऐसा मॉडल पेश करेंगे, जोकि पूरे देश नहीं बल्कि पूरे विश्व में बेहतरीन होगा।
13 वकीलों की कमेटी ने सौंपी थी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने बजट में वकीलों के लिए मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। यह 50 करोड़ कहां खर्च होना चाहिए, इसपर वकीलों की विभिन्न संस्थाओं ने अलग – अलग मांग रखी । दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया कि वकीलों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल कर 13 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। इस कमेटी को 10 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया। पिछले दिनों इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी थी। बुधवार 18 दिसंबर को दिल्ली कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी।
कमेटी में शामिल वकील
राकेश खन्ना(कमेटी संयोजक) अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
केसी मित्तल, चेयरमैन बार काउंसिल दिल्ली
राहुल मेहरा, स्टैंडिंग काउंसिल(क्रिमिनल) दिल्ली सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट
रमेश सिंह, स्टैंडिंंग काउंसिल(सिविल), दिल्ली सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट
मोहित माथुर, अध्यक्ष दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
राजेश कौशिक, उपाध्यक्ष, द्वारका बार एसोसिएशन
आरके बाधवा, अध्यक्ष नई दिल्ली बार एसोसिएशन पटियाला हाउस कोर्ट
एनसी गुप्ता, अध्यक्ष, दिल्ली बार एसोसिएशन, तीस हजारी कोर्ट
हेमंत महला , उपाध्यक्ष साकेत बार एसोसिएशन
प्रमोद नागर, अध्यक्ष शाहदरा बार एसोसिएशन कड़कड़डूमा कोर्ट
राकेश चाहर, सचिव, रोहिणी बार एसोसिएशन
कमल मेहता, वकील दिल्ली उच्च न्यायालय
अमिताभ चतुर्वेदी, वकील दिल्ली उच्च न्यायालय