-एमसीडी सदन की बैठक में आप एवं कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर जमकर निशाना
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 21 मई।
दिल्ली नगर निगम में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया हो, परंतु यहां परंपराएं टूटने का सिलसिला जारी है। बुधवार को एमसीडी के सदन की बैठक में एक और परंपरा टूट गई। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी बैठक से पूर्व ऑपचारिक रूप से नेता सदन की नियुक्ति की घोषणा नहीं कर सकी। जिसकी वजह से सदन की बैठक में बीजेपी की जमकर किरकिरी हुई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने नेता सदन की नियुक्त को लेकर जमकर निशाना साधा। दूसरी ओर हाल ही में आप पार्टी छोड़कर इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी बनाने वाले मुकेश गोयल के सदन में बोलते समय आप पार्षदों ने जमकर शोर-शराबा किया और उनके बोलने में बाधा डालने की कोशिश की।
एमसीडी की परंपरा के अनुसार सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन की नियुक्ति की जाती है, जो कि बैठक की कार्यवाही के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सबसे पहले अपनी राय रखता है और एजेंडा में शामिल प्रस्तावों को सदन के सामने रखता है। इसी तरह मुख्य विपक्षी दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष अपने पार्षदों का नेतृत्व करता है। यदि कोई अन्य दल भी होता है तो सदन की कार्यवाही के दौरान उस दल के पार्षदों का नेतृत्व उस दल के पार्षद दल के नेता के द्वारा किया जाता है।
बुधवार को एमसीडी के सदन की बैठक दोपहर 2 बजे शुरू होनी थी। परंतु सत्ता पक्ष की ओ से कुछ समय पहले ही इसे आधा घंटे के लिए टाल दिया गया था। फिर भी मेयर राजा इकबाल सिंह लगभग 15 मिनट की देरी से करीब पौने तीन बजे सदन में पहुंचे। इस बीच आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों ने मेयर की लेटलतीफी को लेकर खूब हंगामा किया।
क्योंकि बीजेपी की ओर से विधिवत तौर पर कोई नेता सदन घोषित नहीं किया गया था, अतः मेयर राजा इकबाल सिंह से भी एक चूक हो गई। उन्होंने बैठक की शुरूआत करते हुए पहले शोक संदेश पढ़ने के लिए नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के नाम का ऐलान कर दिया। जबकि बैठक की शुरूआत में सबसे पहले सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन की ओर से शोक प्रस्ताव पढ़े जाने की पुराने परंपरा है। इसके पश्चात अंकुश नारंग जैसे ही शोक प्रस्ताव पढ़ने के लिए खड़े हुए बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा अपनी सीट पर खड़ी हो गईं। तब मेयर राजा इकबाल सिह ने उन्हें पहले शोक प्रस्ताव पढ़ने के लिए कहा। इसके लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्षदों के बीच काफी देर तक नारेबाजी होती रही।
आनन फानन में लिया गया था सत्या शर्मा का नाम
गौरतलब है कि मेयर के चुनाव के साथ दिल्ली नगर निगम में सत्ता परिवर्तन हुए करीब 27 दिन हो गये हैं। परंतु दिल्ली बीजेपी की ओर से अभी तक नेता सदन और उपनेता सदन के नामों की घोषणा नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि बुधवार को आनन फानन में पार्टी की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि सत्या शर्मा एमसीडी की बैठक के दौराना बीजेपी पार्षदों का नेतृत्व करेंगी। खास बात है कि बुधवार को भी औपचारिक तौर पर सत्या शर्मा के नाम की घोषणा नेता सदन के रूप में नहीं की गई थी। जिसकी वजह से बीजेपी पार्षदों को सदन की कार्यवाही के दौरान शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
मुकेश गोयल को बोलने पर आप पार्षदों का हंगामा
बता दें कि बुधवार की बैठक में मेयर राजा इकबाल सिंह ने वरिष्ठ निगम पार्षद और इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल को अपनी पार्टी की ओर से शोक प्रस्ताव पढ़ने का मौका दिया था। परंतु आप पार्षदों ने उनके भाषण के दौरान शोर मचाना शुरू कर दिया। इसकी प्रतिक्रिया के रूप में बीजेपी व अन्य कुछ पार्षदों ने ‘केजरीवाल चोर है’ के नारे लगाने शुरू कर दिये।