-आप विधायक संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी को सदन से बाहर निकलने की मांग पर हंगामा
-नॉमिनेटेड पार्षदों को मिला मेयर, डिप्टी मेयर व स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव में वोट देने का अधिकार
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली: 6 फरवरी, 2023।
सोमवार को एक बार फिर दिल्ली के मेयर का चुनाव टल गया। दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई।
खास बात ये रही कि पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने बैठक की शुरुआत में ही मेयर, डिप्टी मेयर और स्टांटिंग कमेटी के 6 सद्स्यों का चुनाव एक साथ कराने की घोषणा कर दी। हालांकि अब तक तीनों चुनाव अलग अलग कराने की परंपरा रही है।
इसके साथ ही सत्या शर्मा ने नई व्यवस्था देते हुए घोषणा की कि 10 नॉमिनेटेड सदस्य भी मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में वोटिंग करेंगे। इस बात को लेकर विपक्ष के नेता मुकेश गोयल ने अपना विरोध जताते हुए पिछले दिनों में कोर्ट के द्वारा दिये गए फैसले का हवाला दिया गया कि एल्डरमेन पार्षदों को सदन में वोट देने का अधिकार नहीं है। इसको लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा के दोबारा बैठक में आने पर एक बार फिर से हंगामा शुरू हो गया। इस बार बीजेपी पार्षद अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। बीजेपी पार्षदों ने मांग की कि आप विधायक संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी के ऊपर क्रिमिनल केस होने की वजह से उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है। अतः दोनों विधायकों को सदन से बाहर निकाला जाए।
पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कई बार एलान किया कि जो लोग हाउस के सदस्य नहीं हैं वो तुरंत सदन से बाहर चले जाएं। लेकिन दोनों आप विधायक सदन से बाहर नहीं गए। ऐसे में बीजेपी पार्षदों का हंगामा और बढ़ गया। अंत में सत्या शर्मा ने सदन की कार्यवाही अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दी। खास बात ये रही कि आप पार्षद पूरी बैठक के दौरान शांति से अपनी सीटों पर बैठे रहे।
गौरतलब है कि सदन की बैठक 11 बजे शुरू होनी थी, लेकिन आप पार्षद सुबह 10 बजे ही आकर सदन में बैठ गए थे। बीजेपी पार्षद और पीठासीन अधिकारी साढ़े ग्यारह बजे हाउस में पहुंचे और बैठक की कार्यवाही करीब पौने 12 बजे शुरू हो पाई।