-26 अप्रैल को होना था चुनाव, अब अपने पदों पर बने रहेंगे शैली और इकबाल
जतन किशोर शुक्ला/ नई दिल्लीः 25 अप्रैल।
दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव (Mayor and Deputy Mayor Election) टल गया है। बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराने की अनुमति दे दी थी। परंतु दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के जेल में होने की वजह से इसमें तकनीकी पेंच फंस गया था। इसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल इस आधार पर वापस कर कि ‘इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर नहीं हैं और उपराज्यपाल केवल मुख्यमंत्री की सिफारिश पर यह काम कर सकते हैं।’’
यहां देखें आदेशों की प्रतियांः https://x.com/A2ZNEWS14/status/1783497223684096038
एटूजेड न्यूज ने पहले ही इस आशय की आशंका की खबर प्रमुखता के साथ चलाई थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से मेयर के चुनाव में तकनीकी पेंच फंस सकता है। कारण है कि इस तरह की फाइलों/ सिफारिशों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होना आवश्यक है और अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल की इस्तीफा नहीं देने की जिद की वजह से मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव में यह अ़ड़चन आई है।
दिल्ली नगर निगम के सचिव कार्यालय की ओर से अगले आदेश तक मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव टालने के संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को होना था परंतु पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है, अतः इसे अगले आदेश तक के लिए टाला जा रहा है। वहीं दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि क्योंकि उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री की बिना सिफारिश के पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में असमर्थता जताई है, अतः मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव होने तक वर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर अपने पदों पर बने रहेंगे। इसके बाद शैली ओबरॉय और आले इकबाल अपने-अपने पदों पर बने रहेंगे।
हालांकि आचार संहिता के लागू होने की वजह से दोनों ही नेता कोई नीतिगत और ब़ड़े फैसले नहीं ले सकेंगे।
दुर्गेश बोले:अंबेडकर के कानून को नहीं माना, BJP ने नकारा
उपराज्यपाल के द्वारा मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए बिना मुख्यमंत्री के सिफारिश किये बिना पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए मना करने पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई है। पार्टी की ओर से निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के तीसरे साल में अनुसूचित जाति वर्ग से मेयर चुनाव जाता है। इसकी व्यवस्था बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने अपने संविधान में की थी। बीजेपी ने बाबा साहब के कानून की अवहेलना की है। वहीं दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आप नेता दिल्ली वालों को हर बात में गुमराह कर रहे हैं। दिल्ली नगर निगम एक्ट 1957 में लागू हुआ था। उस समय एक्ट में अनुसूचित जाति वर्ग के पार्षदों को किसी खास टर्म में मेयर बनाने का कोई प्रावधान हीं नहीं था। नगर निगम के पहले वर्ष में महिला पार्षद और तीसरे वर्ष में अनुसूचित जाति के पार्षद को मेयर बनाने की व्यवस्था नगर निगम के एक्ट में बाद में जोड़ी गई है।