मेयर चुनावः 13 को कोर्ट में होगी सुनवाई तो फिर 16 को हो पायेगा मेयर का चुनाव?

-16 फरवरी को मेयर का चुनाव कराने के लिए दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को भेजा प्रस्ताव

जे. के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 9 फरवरी, 2023।
दिल्ली के मेयर का चुनाव दिनोंदिन दिलचस्प मोड़ लेता जा रहा है। एक ओर नवनिर्वाचित निगम पार्षद नगर निगम में अपनी गतिविधियां शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर इस चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। मेयर के चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बीच एमसीडी के सदन की बैठक बुलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ‘क्या मेयर का चुनाव हो पायेगा।’
दिल्ली नगर निगम (MCD) की ओर से मेयर के चुनाव के लिए मंगलवार को ही फाइल तैयार कर दी थी और इसके पश्चात दिल्ली सरकार को भेज दिया बया। अब गुरूवार को दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को 16 फरवरी को सदन की बैठक बुलाने का प्रस्ताव भेजा है। शहरी विकास विभाग ने उपराज्यपाल के पास भेजे प्रस्ताव में 16 फरवरी को सदन की बैठक बुलाने के लिए लिखा है। हालांकि अब उपराज्य को तय करना है कि वह किस तारीख को सदन की बैठक बुलाते हैं।
तीन बार बैठक बुलाई, नहीं हो सका मेयर का चुनाव
मेयर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठकें 6 व 24 जनवरी और 6 फरवरी को बुलाई गई थीं। लेकिन तीनों बैठकों में पार्षदों ने हंगामा कर दिया और हर बार पार्षदों के शांत नहीं होने के कारण पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने बैठक अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी। इस तरह तीनों बार महापौर का चुनाव नहीं हो सका। इस कारण एमसीडी ने एक बार फिर सदन की बैठक बुलाने की प्रक्रिया आरंभ की।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला, 13 फरवरी को सुनवाई
आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 8 फरवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उपराज्यपाल, पीठासीन अधिकारी व अन्यों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार 13 फरवरी को होगी। इससे पहले 24 जनवरी को मेयर का चुनाव नहीं कराये जाने पर भी शैली ओबराय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका पर सुनवाई होने से पहले ही उपराज्यपाल ने सदन की बैठक 6 फरवरी को बुलाने के आदेश जारी कर दिए थे। इस कारण शैली ओबराय को 3 फरवरी को सुनवाई से पहले ही अपनी चाचिका वापस ले ली थी।