मोटी वसूली के चलते खाली नहीं कराया था मरकज!

-क्राइम ब्रांच की जांच में हुआ खुलासा, जमातियों ने जमा कराई थी रकम
-मरकज में जमाजियों से कैश में रकम लेकर बैंक में की जाती थी जमा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज में देश-विदेश से आने वाले लोगों से मोटी रकम वसूले जाने का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अपराध शाखा की जांच में पता चला है कि जमात में शामिल होने वालों से मरकज प्रबंधन ने धार्मिक कार्यक्रम व अन्य मदों के नाम पर मोटी रकम वसूली थी। यही कारण है कि सरकार की बंदिशों के बावजूद जमातियों को मरकज से बाहर नहीं निकाला जा रहा था।
क्राइम ब्रांच की जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि मरकज में आने वाले हर जमाती से यह रकम कैश में ली जाती थी। इसके बाद इसे बैंक में जमा कराया जाता था। अब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मरकज के बैंक खातों को खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि रुपयों के लेनदेन और बैंक खातों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा भी की जा सकती है। दिल्ली पुलिस इसके लिए भी कागजी कार्रवाई करने जा रही है।
अपराध शाखा के एक आला अधिकारी ने बताया कि मरकज में आने वाले हर जमाती से मरकज में रहने, खाने और धार्मिक शिक्षा आदि के बदले नकद रुपये लिए जाते थे। जमात में आने वाले व्यक्ति की हैसियत देखकर ज्यादा से ज्यादा पैसा लिया जा रहा था। आश्चर्य की बात है कि किसी भी मद के लिए शुल्क की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। रकम लेने के लिए मरकज में अलग से स्टाफ नियुक्त था। यह स्टाफ अंदाजा लगा लेता था कि कौन सा जमाती कितनी ज्यादा रकम दे सकता है। इसके बाद उससे उतनी ज्यादा ही रकम ली जाती थी।
अपराध शाखा की जांच में यह बात भी सामने आई है कि मरकज में तीन से पांच दिन का धार्मिक कार्यक्रम रखा जाता था। इस कार्यक्रम की पूरी रकम एक साथ ले ली जाती थी। दिल्ली में कोरोना फैलना शुरू होते ही 50 से ज्यादा लोगों के एक साथ एक जगह पर इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई थी। उस समय मरकज में ऐसे जमाती हजारों की संख्या में ठहरे हुए थे। खास बात है कि इन सभी जमातियों ने अपना पुरा शुल्क जमा कराया हुआ था। इसलिए इन जमातियों को धार्मिक कार्यक्रम पूरा कराना जरूरी थी।
अपराध शाखा के सूत्र बताते हैं कि कहीं जमातियों को उनके द्वारा जमा कराए गए पैसे वापस नहीं करने पड़ जाएं, इसके चलते उन्हें मरकज से बाहर नहीं निकाला जा रहा था। क्राइम ब्रांच ने मरकज के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद को छोड़कर एफआईआर में नामजद छह मौलानाओं सहित करीब 10 लोगों से पूछताछ की है। इसमें मरकज का बाकी स्टाफ शामिल है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह स्टाफ भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय करेगा जांच!
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अपराध शाखा बैंक की प्रारंभिक जांच कर रही है। क्योंकि मामला विदेशों से धन आने का भी है इसलिए इसके बाद ईडी के द्वारा मामले की जांच की जा सकती है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच ईडी को देने के लिए लिखने जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अपराध शाखा सिर्फ मरकज मामले में दर्ज हुई एफआईआर की जांच करेगी।
कई एजेंसियों के हवाले जांच की जिम्मेदारी
अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मरकज मामले की जांच काफी बड़े स्तर की है। यहां आए जमातियों की वजह से कोरोना पूरे देश में फैला है। इसलिए विभिन्न एजेंसियां अलग अलग एंगल से इसकी जांच में लगी हैं। जमातियों की मोबाइल डिटेल के अलावा ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। उद्देश्य ये है कि जमातियों का जल्द से जल्द पता लगाया जाए कि वह कहां-कहां गए हैं, ताकि कोरोना पर जल्द काबू पाया जा सके।
जमात से जुड़ी खबरों पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार
दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात से जुड़ी खबरों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मे ंएक याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना फैलाने के नाम पर तबलीगी जमात को बदनाम किया जा रहा है। सुनवाई के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने जमात से जुड़ी खबरों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि मीडिया की कवरेज पर रोक नहीं लगाई जा सकती। मीडिया इसकी कवरेज करने और खबरें चलाने के लिए स्वतंत्र है।