केजरीवाल ने किया पंजाब-उत्तराखंड को 300 यूनिट बिजली का वादा… दिल्ली वालों के साथ बेरूखी!

-मुख्यमंत्री के पद पर बैठाने वाले दिल्ली वालों को केवल 200 यूनिट तक समेटा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली वाले रास नहीं आ रहे हैं। वह उत्तराखंड और पंजाब वालों को अपने लिए ज्यादा महत्वपूर्ण समझते हैं। शायद यही कारण है कि उन्होंने इन दोनों राज्यों के लोगों से वादा किया है कि वहां सरकार बनती है, तो आम आदमी पार्टी हर परिवार को 300 यूनिट तक और किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली देगी। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार 11 जुलाई 2021 को एलान किया कि हमारी सरकार सभी पुराने बिल माफ कर नए सिरे से शुरूआत करेगी और 24 घंटे बिजली देगी। उत्तराखंड के लोग भी चाहते हैं कि दिल्ली की तरह अब उत्तराखंड में भी विकास हो।

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केजरीवाल ने कहा कि ‘मैं जो कहता हूं, वह चुनावी जुमला नहीं होता है, यह केजरीवाल की गारंटी है। उत्तराखंड के बिजली मंत्री ने 100 यूनिट बिजली फ्री और 100 से 200 यूनिट बिजली हाफ रेट पर देने का एलान किया था, लेकिन उनका एलान भी 15 लाख के चुनावी जुमले जैसा निकला। उत्तराखंड में खुद सत्ताधारी पार्टी कहती है कि मेरा सीएम निकम्मा है और विपक्ष के पास तो नेता ही नहीं है। दोनों पार्टियों को उत्तराखंड की चिंता नहीं है, वे केवल सत्ता की लड़ाई लड़ रही हैं। उत्तराखंड के सामने दो मॉडल है। पहला, जिसमें सरकारें घाटे में चलती हैं व भ्रष्टाचार होता है और दूसरा, नफे में सरकार है, शानदार स्कूल और अस्पताल बन रहे हैं। यह उत्तराखंड के लोगों को तय करना है कि कौन सा मॉडल चाहिए।’’

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के देहरादून में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड को हम देवभूमि मानते हैं। भगवान ने उत्तराखंड को देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भगवान ने सब कुछ दिया। उत्तराखंड में नदियां हैं, पहाड़ हैं, पेड़ हैं, वनस्पति हैं, जड़ी बूटियां हैं। उत्तराखंड में मेहनती लोग हैं, अच्छे लोग हैं, ईमानदार लोग हैं, लेकिन उत्तराखंड के नेताओं ने और उत्तराखंड की पार्टियों ने उत्तराखंड को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज उत्तराखंड के अंदर दो पार्टियां हैं। जैसे चक्की होती है, चक्की के दो पाट होते हैं। उन चक्की के दो पाटों के अंदर दाने पिसते हैं। ऐसे ही इन दो पार्टियों के बीच में पिछले 20 साल से उत्तराखंड और उत्तराखंड की जनता पिस रही है। इन दोनों पार्टियों ने बड़ी अच्छी सेटिंग कर रखी है। आपस में बड़ी अच्छी सहमति बना रखी है। आप 2000 से उठा कर देख लो। एक बार तुम, एक बार हम। एक बार तुम लूटो और एक बार हम लूटेंगे।

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‘आप’ संयोजक ने कहा कि अभी हम देख रहे हैं कि सत्ताधारी पार्टी के पास सीएम ही नहीं है। एक बनता है, फिर सत्ताधारी पार्टी को लगता है कि यह निकम्मा है, फिर दूसरे को बनाते हैं और कहते हैं कि नहीं, यह भी निकम्मा है। मेरे ख्याल से 70 साल के भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा होगा कि कोई पार्टी खुद ही कहती है कि हमारा सीएम बेकार है, वैसे तो विपक्ष वाले कहते हैं कि यह पार्टी या सीएम खराब है, लेकिन यह खुद ही कह रहे हैं कि हमारा सीएम खराब है और अब इसको हम बदल रहे हैं। फिर दूसरे को भी कहते हैं कि यह भी खराब है, इसको भी बदल रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के यहां सीएम की लड़ाई चल रही है, उनके पास सीएम नहीं है। वहीं, विपक्ष के पास नेता नहीं है। वहां पर विपक्ष का नेता चुनने के लिए पिछले महीने भर से दिल्ली के चक्कर काटे जा रहे हैं। उत्तराखंड की जनता के विकास के बारे में कौन सोचेगा? क्या इन दोनों पार्टियों में से किसी भी पार्टी को उत्तराखंड की जनता की चिंता है? उत्तराखंड की जनता के बारे में कौन सोचेगा? उत्तराखंड के विकास के बारे में कौन सोचेगा? इन दोनों पार्टियों को कोई चिंता नहीं है, यह केवल सत्ता और कुर्सी की लड़ाई लड़ रही हैं।
’उत्तराखंड बिजली बनाता है और दूसरे राज्यों को बेचता है, फिर लोगों को बिजली इतनी महंगी क्यों मिलती है?
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज इतनी महंगाई हो गई है। एक आम आदमी को अपना परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है। हर चीज महंगी होती जा रही है। किसी भी परिवार में चले जाओ, सबसे ज्यादा दुखी कौन है? खासकर महिलाएं दुखी हैं। क्योंकि आदमी कमाता है, कमा कर महीने के अंत में अपने घर में अपनी धर्म पत्नी, मां या बहन को पैसे लाकर उसके हाथ में रख देता है। इसके बाद पूरा महीने का खर्चा तो बिचारी महिला को चलाना पड़ता है। आमदनी बढ़ नहीं रही है और खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, महंगाई बढ़ती जा रही है। मेरा यह कहना है कि उत्तराखंड जो कि बिजली बनाता है, जो कि दूसरे राज्यों को बिजली देता है। दूसरे राज्यों को बिजली बेचता है। फिर भी उत्तराखंड के वासियों को बिजली इतनी महंगी क्यों मिलती है? क्या कभी किसी भी सरकार ने उत्तराखंड वासियों को फ्री में बिजली या सस्ती बिजली देने के बारे में सोचा? नहीं सोचा। उनके पास समय ही नहीं है। वो तो अपनी सत्ता की लड़ाई में लगे हुए हैं।
’टिहरी बांध बनाने में जिन लोगों की जमीनें ली गई थी, उनको भी वादा करने के बावजूद बिजली फ्री नहीं दी गई
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब टिहरी बांध बनाया गया था, तब टिहरी बांध बनाने के लिए जिन लोगों की जमीनें ली गई थी, जिन लोगों के रिसोर्सेज लिए गए थे, उनको वादा किया गया था कि तुम लोगों को कम से कम फ्री में बिजली दी जाएगी। क्या उनको फ्री में बिजली मिली। जो उनको वादा किया गया था, उनको भी बिजली फ्री में नहीं दी। अभी चार-पांच दिन पहले मैंने टीवी में सुना कि उत्तराखंड के बिजली मंत्री ने एलान किया कि हम 100 यूनिट बिजली फ्री देंगे और 100 से 200 यूनिट बिजली हाफ रेट में देंगे। मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा कि उत्तराखंड के लोगों को कुछ तो फायदा होगा, लेकिन मैं सोच रहा था कि चुनाव के 6 महीने पहले यह वादा कर रहे हैं, यह अपने वादे पर टिकेंगे या नहीं टिकेंगे। इनके एक बहुत बड़े नेता ने एक बार कमेंट किया था, जब उनसे पूछा गया कि आपने कहा था 15-15 लाख रुपए देंगे। तो उन्होंने कहा कि यह तो चुनावी जुमला होता है। तो जब बिजली मंत्री ने एलान किया कि 100 यूनिट बिजली फ्री देंगे, तो मेरे मन में एक खुशी भी थी और एक शंका भी थी कि पता नहीं ये वादा पूरा करेंगे या नहीं करेंगे। मेरी शंका का 24 घंटे में ही निवारण हो गया। उसके 24 घंटे के अंदर यहां के मुख्यमंत्री ने कह दिया कि यहां ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। हम बिजली मुफ्त नहीं देने वाले हैं। इस तरह उत्तराखंड के लोगों को छह महीने का इंतजार भी नहीं करना पड़ा, उन्होंने खुद ही कह दिया कि यह चुनावी जुमला था, हम बिजली मुफ्त नहीं देंगे।
’उत्तराखंड के लोग भी दिल्ली की तरह विकास चाहते हैं और अब उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार लाना चाहते हैं
‘आप’ संयोजक ने कहा कि दिल्ली में उत्तराखंड के बहुत लोग रहते हैं। मुझे लगता है कि शायद उत्तराखंड के हर परिवार से या तो कोई दिल्ली में रहता होगा या दोस्तों होगा या रिश्तेदारों होगा। लगभग हर परिवार का कुछ न कुछ दिल्ली से रिश्ता जरूर है और दिल्ली में उत्तराखंड के जो लोग रहते हैं, वह जब वापस आते हैं, आपस में चर्चा करते हैं, फोन पर बात होती है, तो वे बताते हैं कि दिल्ली में किस तरह से विकास हो रहा है। जो काम 70 साल में सारी पार्टियां मिलकर देश के किसी भी कोने में नहीं कर पाई, वह काम आज दिल्ली के अंदर हो रहे हैं। दिल्ली में स्कूल बन रहे हैं, अस्पताल और सड़के बन रही हैं। पानी, बिजली समेत हर क्षेत्र में दिल्ली के अंदर विकास हो रहा है। अब उत्तराखंड के निवासी भी चाहते हैं कि जैसा दिल्ली के अंदर विकास हो रहा है, वैसा ही विकास उत्तराखंड में भी हो। यहां भी स्कूल अच्छे होने चाहिए। यहां भी अस्पताल अच्छे होने चाहिए। सभी उत्तराखंड वासी चाहते हैं और अब उत्तराखंड के लोग मन बना चुके हैं कि उत्तराखंड के अंदर आम आदमी पार्टी की सरकार लानी है। मैं उत्तराखंड के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जितने अच्छे काम दिल्ली में हुए हैं, वह तो करेंगे ही करेंगे। स्कूल भी अच्छे बनाएंगे, अस्पताल भी अच्छे बनाएंगे, बिजली भी अच्छी करेंगे, पानी भी अच्छा करेंगे। यहां पर खेती भी अच्छी करेंगे, कानून व्यवस्था समेत और भी खूब सारे अच्छे काम करेंगे।
’मैं जो कहता हूं, वह चुनावी जुमला नहीं होता है, केजरीवाल जो कहता है, वह करता है, यह केजरीवाल की गारंटी है
‘आप’ संयोजक ने कहा कि आज मैं खासकर बिजली के क्षेत्र में चार बातों की गारंटी देकर जा रहा हूं। मैं यह बता दूं कि मैं जो कहता हूं, वह चुनावी जुमला नहीं होता है। केजरीवाल जो करता है, वह करता है। आज जो मैं कह रहा हूं, वह केजरीवाल की गारंटी है। यह हमारी पहली गारंटी है। पहला, जैसे दिल्ली में करके दिखाया, वैसे ही उत्तराखंड के अंदर हमारी सरकार बनेगी, तो 300 यूनिट तक हर परिवार को मुफ्त बिजली दी जाएगी। दिल्ली में 200 यूनिट बिजली मुफ्त मिलती है। 200 से 400 यूनिट के बीच में हाफ रेट पर मिलती है, लेकिन यहां 300 यूनिट फ्री दी जाएगी। दूसरा, पिछले कई महीनों से हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव, घर घर जा रहे हैं। ऐसे कई परिवारों के बिल देखने को मिले कि लोगों के गलत बिल आए हैं। कई बार जानबूझकर गलत बिल भेजे जाते हैं। अब वह बेचारा ठीक कराने जाता है, तो उसको कहते हैं कि 10 हजार रुपए दे दो, तुम्हारा बिल माफ कर देंगे। वह बिचारा चक्कर पर चक्कर काटता रहता है। इतने बड़े स्तर के ऊपर गलत बिल आए हुए हैं कि उनको अगर ठीक करने के लिए सारी मशीनरी भी लगानी पड़ी, तो वह कम पड़ जाएंगी। इसलिए जब हमारी सरकार बनेगी, तब सभी पुराने बिल माफ किए जाएंगे। पुराने बिल नहीं देने पड़ेंगे। एक नए सिरे से शुरुआत की जाएगी। तीसरा, उत्तराखंड में कोई पावर कट नहीं लगेगा। हमने दिल्ली में करके दिखाया है। उत्तराखंड में 24 घंटे बिजली देंगे। फ्री बिजली का यह मतलब नहीं है कि कम बिजली देंगे। पूरी बिजली देंगे, 24 घंटे बिजली देंगे, मुफ्त बिजली देंगे। दिल्ली में जब 2015 में दूसरी बार हमारी सरकार बनी थी। मुझे 2014 की गर्मियां याद है। दिल्ली में 7 से 8 घंटे के पावर कट लगते थे। बहुत बुरा हाल था। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं और मेरे मंत्रियों व विधायकों ने गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले जाकर खड़े होकर तारें बदलवाई, ट्रांसफार्मर बदलवाए। और आज दिल्ली के अंदर 24 घंटे बिजली है। लोग इनवर्टर और जेनरेटर का इस्तेमाल करने बंद कर दिए। उत्तराखंड में बिजली की कमी नहीं है। उत्तराखंड दूसरों को बिजली देता है, फिर भी पॉवर कट लगते हैं, क्यों लगते हैं?
हर परिवार को 300 यूनिट और किसानों के खेती की बिजली मुफ्त की जाएगी और पुराने बिल माफ किए जाएंगे
चौथा, उत्तराखंड के किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। किसान सबसे गरीब आदमी है और उस किसान से भी हम बिजली के पैसे लेते हैं। अगर उसको थोड़ी सी हम सहूलियत दे देंगे, तो उसकी जेब में थोड़े से पैसे आ जाएंगे। उसकी जेब में थोड़े से पैसे आएंगे तो वह अपने बच्चों को और अच्छी तरह पाल लेगा। किसानों को खेती की बिजली मुफ्त की जाएगी। आज बिजली के क्षेत्र में हमारी पहली चार गारंटी है। हमारी सरकार बनने के बाद पहली कलम से आपकी 300 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी जाएगी। मैं वैसे नहीं कह रहा हूं कि सरकार बनने के 5 साल के बाद चुनाव के समय हमारे को हमारा वादा याद आएगा। सबसे पहले सरकार बनने के बाद पहली कलम से आपकी 300 यूनिट बिजली मुफ्त की जाएगी। किसानों की बिजली मुफ्त की जाएगी और पुराने बिल माफ किए जाएंगे। 24 घंटे बिजली करने के लिए तीन-चार साल का समय लगेगा। बिजली के सारे नेटवर्क में जितनी कमियां है, उसको दूर किया जाएगा। ट्रांसफार्मर बदलने होंगे, तार बदलने होंगे। इसको ठीक करने में थोड़ा समय लगेगा, हम इसको भी करेंगे, लेकिन तीन-चार साल के अंदर ऐसी व्यवस्था कर देंगे कि बिजली का मॉडर्न नेटवर्क होगा और 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करेंगे। मैं समझता हूं कि आज की इस घोषणा के बाद उत्तराखंड के हर व्यक्ति को खुशी होगी, हर परिवार को खुशी होगी, लेकिन सबसे ज्यादा खुशी उत्तराखंड की महिलाओं को होगी। जैसा मैंने कहा कि अगर महंगाई होती है, तो एक महिला को सबसे ज्यादा बर्दाश्त करना पड़ता है।
’देश की एकमात्र दिल्ली सरकार हैं, जो नफे में चल रही है, बाकी सारी सरकारें घाटे में चल रही हैं
‘आप’ संयोजक ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी, तब दिल्ली सरकार भी घाटे में चला करती थी। आज पांच साल के बाद दिल्ली सरकार नफे में चल रही है। यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि सीएजी की रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट कह रही है कि पूरे देश में एक अकेली दिल्ली सरकार है, जो कि नफे में चल रही है, बाकी सारी सरकारें घाटे में चल रही हैं। आज जो यह एलान किए गए हैं। हम सारी कैलकुलेशन और सारी प्लानिंग करके आए हैं। यह हवा में नहीं कर रहे हैं। इस पर कुल 1200 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। उत्तराखंड का बजट 50 हजार करोड़ रुपए है। 50 हजार करोड़ रुपए में से 1200 करोड रुपए निकालना कोई मुश्किल बात नहीं है। दिल्ली का बजट 60 हजार करोड़ रुपए है। दिल्ली में बिजली की सब्सिडी 2200 करोड़ रुपए आती है। अगर हम दिल्ली में 60 हजार करोड़ रुपए में से 2200 करोड़ रुपए निकाल लेते हैं, तो उत्तराखंड में 50 हजार करोड़ में से 1200 करोड़ रुपए तो निकाल ही लेंगे।
’उत्तराखंड के सामने दो मॉडल है, यह आपको तय करना है कि कौन सा मॉडल चाहिए
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज आपके सामने गवर्नेंस के दो मॉडल हैं। आपको तय करना है कि आप कौन सा मॉडल चाहते हैं। एक मॉडल है, इन दोनों पार्टियों का। इस मॉडल में सरकारें घाटे में चलती है, जमकर भ्रष्टाचार होता है। स्कूल बर्बाद हैं, अस्पताल बर्बाद है, बिजली महंगी है और पावर कट लगते हैं। वहीं, दूसरा मॉडल है, नफे में बजट है, शानदार स्कूल बन रहे हैं, शानदार अस्पताल बन रहे हैं। बिजली मुफ्त है और 24 घंटे बिजली है। आप तय कर लो, आपको कौन सा मॉडल चाहिए। अगर हम बिजली मुफ्त कर रहे हैं, तो आज मैं आपसे वादा करके जा रहा हूं कि अगले 5 साल में किसी भी चीज के ऊपर टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा, आपसे अतिरिक्त टैक्स नहीं लेंगे, हम अतिरिक्त लोन नहीं लेंगे। यह पैसा कहां से लाएंगे? हम पैसे की चोरी रोकेंगे, भ्रष्टाचार रोकेंगे। चोरी और भ्रष्टाचार को रोककर पैसा बचाएंगे और आपकी जेब में डालेंगे, तो आप तो खुश ही होंगे।
’हमारी सरकार ने दिल्ली में न सिर्फ शानदार सरकारी स्कूल बनवाएं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों में पांच साल से फीस नहीं बढ़ने दी
‘आप’ संयोजक ने शिक्षा को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा मेरे दिल के बहुत करीबी विषय है। केवल मेरे नहीं, मुझे लगता है कि शिक्षा का विषय आम आदमी पार्टी के हर व्यक्ति के काफी करीबी है। आज हमारे देश में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था है। एक पैसे वालों के लिए और एक गरीब के लिए। गरीब अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजने के लिए मजबूर है। मैं इसलिए मजबूर कह रहा हूं कि क्योंकि वह सरकारी स्कूलों मे ंअपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता, क्योंकि सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है। प्राइवेट स्कूलों में सारे स्कूल खराब नहीं है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों में कईयों ने गुंडागर्दी मचा रखी है। अनाप-शनाप पैसे लेते हैं। आदमी विचार पिस जाता है। हमने दिल्ली में दो काम करें। एक तो सरकारी स्कूल इतने शानदार कर दिए कि अब बड़े-बड़े अच्छे मिडिल क्लास के लोग भी अपने बच्चों को प्राइवेट से निकाल कर सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। भारत में आजादी के 75 साल हो गए, कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी प्रदेश के अंदर सरकारी स्कूल इतने शानदार हुए हों। साथ ही, पांच साल से दिल्ली के अंदर प्राइवेट स्कूलों को फीस नहीं बढ़ाने दी। जिस स्कूल ने फीस बढ़ाने की हिम्मत की, उस स्कूल में सिर्फ फीस कम नहीं कराई, बल्कि बच्चों के पैसे वापस कराए हैं। ढेरों स्कूल ऐसे हैं, जहां पर बच्चों और पेरेंट्स के अकाउंट में पैसे वापस गए हैं। इसीलिए उत्तराखंड में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाइए, हम अतिरिक्त पैसे स्कूलों से वापस कराएंगे।