-प्रवर्तन निदेशालय ने किया रतुल पुरी को गिरफ्तार
-मोजरबेयर के पूवर्9 कार्यकारी निदेशक हैं रतुल पुरी
-बैंक से लोन लेने के लिए प्रयोग किए जाली दस्तावेज
टीम एटूजेड/ नई दिल्ली-भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके ऊपर 300 करोड़ से ज्यादा के बैंक घोटाले का आरोप है। दो दिन पहले ही सीबीआई ने इस मामले में रतुल पुरी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के मामले में दर्ज किया गया था।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने रतुल पुरी के अलावा कंपनी (एमबीआईएल), उनके पिता और प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों में नीता पुरी (रतुल की मां और कमलनाथ की बहन), संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन पर कथित तौर पर आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बैंक ने एक बयान में बताया कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके माता-पिता निदेशक मंडल में रहे। सीबीआई ने सोमवार को 6 स्थानों पर छापेमारी भी की है।
जाली दस्तावेजों के आधार पर लिया लोन
यह मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया है। बैंक की ओर की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है। इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फाॅरेन्सिक ऑडिट किया गया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल को फर्जी घोषित कर दिया। बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से फंड जारी कराने के लिए नकली और जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया।
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी हैं आरोपी
ज्ञात हो कि रतुल पुरी पहले ही 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच की कार्रवाई झेल रहे हैं। लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें बैंक फ्रॉड मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इसे रतुल पुरी और कमलनाथ परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले सोमवार को ईडी ने कोर्ट से कहा था कि रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में जांच से बच रहे हैं। पुरी ने अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जांच में सहयोग नहीं कर रहे पुरी!
शनिवार को दिल्ली की कोर्ट में रतुल के वकील ने कहा था कि वह चॉपर स्कैम की जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हैं। जबकि जांच एजेंसी ने पुरी की याचिका का विरोध किया और कहा कि उसने रविवार और सोमवार सहित कई मौकों पर पुरी को बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने पुरी की याचिका पर अपना आदेश 21 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया था।