दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ने वाले JDU ने दिया BJP को झटका… सरकार से समर्थन लिया वापस!

-प्रांत के राज्यपाल को दिया सरकार से समर्थन वापसी का पत्र
-मणिपुर में सियासी उठापटक के बीच बिहार चुनाव से पूर्व जेडीयू का बड़ा कदम

एसएस ब्यूरो/नई दिल्ली-पटना।
जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस संबंध में, जेडी(यू) के प्रदेश अध्यक्ष के.एस.बीरेन ने मणिपुर के राज्यपाल ला. गणेशन को एक पत्र सौंप दिया है। मणिपुर में जेडीयू के छह विधायक थे, जिनमें से पांच पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे और जेडीयू के सिर्फ एक ही विधायक वहां बचे थे।
बिहार में सत्ताधारी जेडीयू की मणिपुर इकाई ने अपने पत्र में कहा है कि “जनता दल (यूनाइटेड), मणिपुर इकाई मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है। हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक माना जाएगा।“ हालांकि, नीतीश कुमार ने बीजेपी सरकार से जेडीयू का समर्थन वापस लेने का फैसला क्यों किया, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है।
जनता दल यूनाइटेड के बाहर होने से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य में उसके पास पूर्ण बहुमत है। लेकिन नीतीश कुमार के इस फैसले से बिहार की राजनीतिक गलियारों में बड़ी हलचल जरूर पैदा कर दी है। क्योंकि बिहार में तो पहले से ही एनडीए में खटास की बात कही जा रही थी।
बीजेपी को बड़ा संदेश देने की कोशिश
बताया जा रहा है कि जेडीयू अपने इस फैसले से बीजेपी को बड़ा संदेश देना चाहती है। क्योंकि जेडीयू केंद्र और बिहार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है। वहीं बीजेपी से नीतीश कुमार की नाराजगी की बात जो लगातार चल रही है, उस पर ये एक बड़ी मुहर लगती दिख रही है। अब दिल्ली और पटना में इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
2022 में बीजेपी ने दिया था जेडीयू को बड़ा झटका
साल 2022 में नीतीश कुमार की पार्टी के पाला बदलने वाले पांच विधायक केएच जॉयकिशन, एन सनाटे, मोहम्मद अछबुद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खौटे और थंगजाम अरुण कुमार थे। पांचों विधायकों ने बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था।