-क्रिकेट के सभी प्रारूपों के हिसाब से खेलना पंसदः पुजारा
विजय कुमार/नई दिल्ली,16 फरवरी, 2023।
भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम (Indian Cricket Team) की रीढ की हडडी बन चुके चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pukara) का मानना है कि वह 100 वें टेस्ट को लेकर उत्साह में तो हैं, मगर उनके लिए सौवें टेस्ट में शतक जडने से बेहतर है टेस्ट जीतकर यादगार बनाना। पत्रकारों से बातचीत में चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि वह टेस्ट प्रतिदिन एक नई पारी को खेलने की तरह ही खेलते हैं तथा अपनी बल्लेबाजी में कुछ ना कुछ लचीलापन लाने में विश्वास रखते है।
मालूम हो कि डेढ़ दशक से अधिक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद अपने 100वें टेस्ट की दहलीज पर खड़े पुजारा ने टीम प्रबंधन के साथ चर्चा के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नये शॉट जोड़े हैं। पिछले साल पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान भारतीय टीम से कुछ समय के लिए बाहर कर दिया गया था। तब दावा किया गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ा पाये थे जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से एक दिन पूर्व बातचीत में कि निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैंने जो कुछ किया है, उसके लिये मुझे पहले पांच-सात वर्षों में किस तरह सफलता मिली और मैं अपना खेल नहीं बदल सकता, लेकिन निश्चित रूप से आप अपने खेल में सुधार कर सकते हो और अपने खेल में कुछ चीजें जोड़ सकते हो। लेकिन आप अपना पूरा खेल नहीं बदल सकते।
मालूम हो कि पुजारा ने अभी तक 19 शतक और 7000 से अधिक रन बनाए है। फिर एक और चुनौती कई प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों से होती है जिनके पास आक्रामक खेल का एक अलग आयाम है। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी की शैली अलग
होती है। मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है। भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद वह इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए और ससेक्स के लिए काफी रन जुटाए और वापसी करते हुए 100 टेस्ट खेलने वाले 13 वें भारतीय बने।
उन्होंने कहा, ‘‘बतौर क्रिकेटर मैनें सफेद गेंद का क्रिकेट खेला। इससे मुझे सौराष्ट्र और ससेक्स की ओर से खेलने में मदद मिली जिसमें मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप शॉट्स खेलने की कोशिश की और पैडल स्कूप भी खेला। मैं इन शॉट्स को टेस्ट में लगाना चाहता था। पुजारा ने कहा मैं अब थोड़ा अधिक खुले विचारों वाला बन गया हूं और बदलावों के प्रति लचीला हो गया और परिस्थितियों के अनुकूल हो जाता हूं और तकनीक में बदलाव के लिए तैयार हूं।
आस्टेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच को लेकर उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सौंवे टेस्ट में शतक बनाना नहीं, बल्कि टीम इंडिया की जीत को यादगार बनाना होगा। फिर भी अगर वह शतक लगाने में सफल रहें, तो यह एक यादगार पारी बना जायेगी।