हाईकोर्ट में स्वीकृति के बावजूद CAG रिपोर्ट्स पर AAP सरकार कर रही अवमाननाः BJP

-विधानसभा अध्यक्ष ने स्वयं भी ये रिपोर्ट्स न मिलने की पुष्टि की हैः विजेंद्र गुप्ता’

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर हाईकोर्ट की अवमानना का आरोप लगाते हुए कहा है कि कैग की रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने के मामले में भाजपा विधायक दल की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकीलों ने कोर्ट को दिल्ली सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया था कि “उन्हें कैग की रिपोर्ट्स मिल गई हैं और दो से तीन दिन के भीतर ही दिल्ली सरकार इन्हें विधानसभा अध्यक्ष को भेज देगी।“ दिल्ली सरकार के इस तथ्य को कोर्ट ने 16 दिसंबर को दिए गए अपने फैसले में उल्लिखित भी किया है ।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद चार दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने अभी तक कैग की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा अध्यक्ष को नहीं भेजी है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से भी इस तथ्य की पुष्टि की गई है कि उन्हें अभी तक कैग की रिपोर्ट्स सरकार द्वारा नहीं भेजी गई हैं। गुप्ता ने कहा कि यह झूठ की पराकाष्ठा है कि सरकार अब न्यायपालिका तक को गुमराह करने में गुरेज नहीं कर रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो सरकार हाई कोर्ट तक से झूठ बोल सकती है, वह दिल्ली की भोली भाली जनता से सच कैसे बोलती होगी।
गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है और इन 10 सालों में सरकार ने हर विभाग में जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला है और अपने इसी खेल को छुपाने के लिए ही वह तमाम मंचों पर झूठ बोल रही है और कैग की 14 रिपोर्ट्स को विधानसभा के सदन पटल पर प्रस्तुत नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2017-18 से लेकर 2021-22 तक 7 साल की कैग की रिपोर्ट्स दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, जिनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी है, के पास लंबे समय से पेंडिंग रखी हुई थी और उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया गया । गुप्ता ने कहा कि इन रिपोर्ट्स में वाहनों से होने वाला प्रदूषण, आबकारी ड्यूटी, शिक्षा, वित्त, स्वास्थ्य और डीटीसी पर सरकार द्वारा किये गए खर्च का पूरा ब्यौरा दिया गया है, लेकिन सरकार संवैधानिक नियमों का उल्लंघन कर इन्हें सदन में पेश नहीं कर रही है। गुप्ता ने सरकार की नीयत पर शक जताते हुए कहा कि सरकार किसी भी तरह अपना कार्यकाल पूरा करना चाहती है और जानबूझकर अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को छुपाने के मकसद से इन्हें दबाकर बैठी हुई है और इन्हें विधानसभा के सदन पटल पर नहीं रख रही है और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से भाग रही है।
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कल इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के प्रांगण में भाजपा विधायकों के साथ अपना विरोध जताते हुए धरना दिया था और धरने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से भी भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में भाजपा विधायक दल ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कैग की 14 रिपोर्ट्स को सदन पटल पर रखने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। गुप्ता ने कहा कि यह कितने शर्म की बात है कि विपक्ष के इतने विरोध और कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर बिल्कुल संवेदनहीन हुई है और संवैधानिक मर्यादाओं को तार तार कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
उन्होंने फिर से दोहराया कि विपक्ष अपने आंदोलन से सरकार को मजबूर कर देगा कि वह विधानसभा में इन रिपोर्ट्स को प्रस्तुत करें ताकि दिल्ली की दो करोड़ जनता भी यह जान सके कि उनकी टैक्स की कमाई को सरकार ने कहां-कहां और किस-किस मद में खर्च किया है।